स्माइल क्रिएटर के हौसले को सलाम, पॉकेट मनी से कर रहे भुखमरी पर प्रहार Meerut News
मेरठ में दीवान पब्लिक स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने एक ग्रुप बनाया और इस ग्रुप का मकसद था कि शहर में कोई भी खाली पेट नहीं सोए।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 10:34 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 10:34 AM (IST)
मेरठ, [विवेक राव]। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी ईदगाह में छोटा बच्चा हामिद अपनी बूढ़ी दादी का कष्ट देखकर मेले से उनके लिए चिमटा खरीदकर लाता है। हामिद की तरह ही कुछ बच्चे ऐसे हैं जो खुद से ज्यादा दूसरों की चिंता करते हैं। ऐसे ही बच्चों का एक समूह हमारे शहर में है। यह ग्रुप जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम करता है। इस ग्रुप का नाम है स्माइल क्रिएटर।
मकसद था कोई न सोए भूखा
करीब तीन माह पहले दीवान पब्लिक स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने यह ग्रुप बनाया। मकसद था शहर में कोई भी भूखा न सोए। इन छात्रों के सामने चुनौती थी पैसों की और अपनी पढ़ाई प्रभावित न होने देने की। छात्रों ने इन चुनौतियों से पार पाई। घर से मिलने वाली पॉकेट मनी की बचत शुरू की। कुछ और छात्रों को ग्रुप से जोड़ा। फिर क्या था उनकी कोशिश परवान चढ़ने लगी।
स्वच्छता का भी देते हैं संदेश
आज इस ग्रुप में 135 छात्र-छात्राएं जुड़ चुके हैं। ये बच्चे हर महीने अपनी पॉकेट मनी से 500 रुपये या उससे अधिक बचाते हैं। महीने में दो बार शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं। उनके लिए कपड़े का भी प्रबंध करते हैं। साथ ही झुग्गी में रहने वाले बच्चों को स्वच्छता का भी संदेश देते हैं।
आगे बढ़ता जा रहा कारवां
ग्रुप के सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस ग्रुप के मुख्य सदस्यों में निकिता नैयर, तनिष्क कपूर, अक्षत गोस्वामी, आशीष दुआ, शुभम गुप्ता हैं। बच्चों के प्रयास को देखते हुए स्कूल की शिक्षिका मीना डोगरा और सुधा बंसल भी जुड़ी हैं।
महीने में दो बार पहुंचते हैं गरीबों के बीच
11वीं की छात्र निकिता बताती हैं कि ग्रुप में कुछ छात्र 12वीं कर चुके हैं, फिर भी वह इससे जुड़े हैं। हर महीने में हम दो बार लोगों के बीच जाते हैं। ग्रुप के किसी सदस्य के घर पर हलवाई बुलाकर भोजन तैयार किया जाता है। फिर उसकी पैकिंग करके सड़क के किनारे, झुग्गियों में रहने वाले और जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर भोजन का वितरण किया जाता है।
मकसद था कोई न सोए भूखा
करीब तीन माह पहले दीवान पब्लिक स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने यह ग्रुप बनाया। मकसद था शहर में कोई भी भूखा न सोए। इन छात्रों के सामने चुनौती थी पैसों की और अपनी पढ़ाई प्रभावित न होने देने की। छात्रों ने इन चुनौतियों से पार पाई। घर से मिलने वाली पॉकेट मनी की बचत शुरू की। कुछ और छात्रों को ग्रुप से जोड़ा। फिर क्या था उनकी कोशिश परवान चढ़ने लगी।
स्वच्छता का भी देते हैं संदेश
आज इस ग्रुप में 135 छात्र-छात्राएं जुड़ चुके हैं। ये बच्चे हर महीने अपनी पॉकेट मनी से 500 रुपये या उससे अधिक बचाते हैं। महीने में दो बार शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं। उनके लिए कपड़े का भी प्रबंध करते हैं। साथ ही झुग्गी में रहने वाले बच्चों को स्वच्छता का भी संदेश देते हैं।
आगे बढ़ता जा रहा कारवां
ग्रुप के सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस ग्रुप के मुख्य सदस्यों में निकिता नैयर, तनिष्क कपूर, अक्षत गोस्वामी, आशीष दुआ, शुभम गुप्ता हैं। बच्चों के प्रयास को देखते हुए स्कूल की शिक्षिका मीना डोगरा और सुधा बंसल भी जुड़ी हैं।
महीने में दो बार पहुंचते हैं गरीबों के बीच
11वीं की छात्र निकिता बताती हैं कि ग्रुप में कुछ छात्र 12वीं कर चुके हैं, फिर भी वह इससे जुड़े हैं। हर महीने में हम दो बार लोगों के बीच जाते हैं। ग्रुप के किसी सदस्य के घर पर हलवाई बुलाकर भोजन तैयार किया जाता है। फिर उसकी पैकिंग करके सड़क के किनारे, झुग्गियों में रहने वाले और जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर भोजन का वितरण किया जाता है।
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