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पटाखों के गोदाम : मेरठ को सरधना और सहारनपुर से सबक ही जरूरत, जानें-शहर का सच

मेरठ में अफसर इस बार दावा कर रहे है कि पटाखे बनाने का काम पूरी तरह से बंद है। हालांकि मेडिकल और पल्लवपुरम में लाइसेंसी दुकानों पर पटाखों की बिक्री होती है। पुलिस छापामारी अभियान चलाकर पटाखों का जखीरा पकडऩे की तैयारी कर रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:26 AM (IST)
पटाखों के गोदाम : मेरठ को सरधना और सहारनपुर से सबक ही जरूरत, जानें-शहर का सच
पटाखों को लेकर हुई घटनाओं के बाद मेरठ में भी सतर्कता की जरूरत है।

मेरठ, जेएनएन। सरधना में घर के अंदर पटाखों के जखीरे में विस्फोट होने से दो लोगों की मौत हो गई। हर साल हादसे के बाद ही पुलिस और प्रशानिक अफसर प्‍लानिंग करते है। यदि त्योहार के मद्देनजर पहले से ही तैयारी की जाए तो हादसा होने से बचाया जा सकता है। सिर्फ सरधना के अलावा भावनुपर के अब्दुलापुर, मेडिकल के कमालपुर, मोदीपुरम में एरिया में पटाखों के बड़े गोदाम बना रखे है, जो बाहर से पटाखे लाकर गोदामों में स्टॉक करने के बाद पूरे शहर को सप्लाई देते है। इतना ही नहीं भावनपुर, श्यामनगर, तारापुरी और गुदड़ी बाजार में पटाखे तैयार भी किए जाते है।

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दावा कि काम पूरी तरह से बंद

पुलिस और प्रशासनिक अफसर इस बार दावा कर रहे है कि इन स्थानों पर पटाखे बनाने का काम पूरी तरह से बंद है। हालांकि मेडिकल और पल्लवपुरम में लाइसेंसी दुकानों पर पटाखों की बिक्री होती है। कुछ आतिशबाज चोरी-छिपे आतिशबाजी तैयार कर रहे हैं, लेकिन 95 फीसदी आतिशबाजों ने पुलिस-प्रशासन की सख्ती के कारण न आतिशबाजी तैयार की और न ही दुकानों को लेकर कोई तैयारी की। पुलिस इसके लिए छापामारी अभियान चलाकर पटाखों का जखीरा पकडऩे की तैयारी कर रही है।

तीन दिन पहले ग्रीन पटाखों के देंगे लाइसेंस

अचानक ही दीपावली पर आतिशबाजी का बाजार गर्म हो सकता है। क्योंकि शहर से बाहर गोदामों में पटाखों का जखीरा होने की संभावना बढ़ती जा रही है। हालोंकि अभी तक पटाखें बेचने के लिए किसी को भी दमकल विभाग की तरफ से अनुमति नहीं दी जा रही है। सीएफओ संतोष राय का कहना है कि दीपावली से तीन दिन पहले ही ग्रीन पटाखों के लाइसेंस जारी होंगे। तेज आवाज के प्रदूषण वाले पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। हालांकि पटाखों के लाइसेंस लेने के लिए दमकल विभाग अभी आवेदनों को वापस कर रहे है।

महंगे पटाखे जेब में लगा देंगे आग

कुछ कारोबारियों ने स्वीकारा कि पिछले वर्षों का स्टॉक बचा हुआ है। वही आतिशबाजी बिकेगी। ऐसे में आसार हैं कि आतिशबाजी का शौक इस बार महंगा पड़ सकता है। आतिशबाजी कम होगी और मांग अधिक, ऐसे में कीमत पिछले साल के मुकाबले कई गुना अधिक रहने के आसार हैं। आतिशबाजों की मानें तो तेज आवाज के पटाखों के अलावा अधिक बारूद वाले पटाखों पर रोक है। ऐसे में इस बार आतिशबाजी की कमी रहेगी तो पटाखे महंगे होंगे। पिछले साल के मुकाबले कई गुना अधिक कीमत की संभावना जताई।

दिल्ली-सहारनपुर से लाकर बेचेंगे ब्रांडेड पटाखे

दिवाली मेले के लिए लाइसेंस मिला तो सहारनपुर से आतिशबाजी लगाकर कुछ लोग आतिशबाजी बेच सकते हैं। शराफत का कहना है कि नियम-कानून भी सख्त हो गए। इसबार भी पटाखे नहीं बनाए जा रहे है। पटाखा कारोबारी कहते हैं कि पटाखों में लगने वाले कागज सहित अन्य कच्चा माल भी अब दोगुना महंगे हो गए हैं। अब बने हुए पटाखे दिवाली तक सूख भी नहीं पाएंगे। इधर, पटाखा बिक्री की तैयारियों में जुटे व्यापारियो का कहना है कि सहारनपुर और दिल्ली से ब्रांडेड पटाखे लाएंगे और लाइसेंस बनाकर बिक्री करेंगे।

पिछले साल बने थे 100 लाइसेंस

पिछले साल की बात करें तो शस्त्र अनुभाग ने फायर विभाग की रिपोर्ट के बाद 100 के करीब लाइसेंस जारी किए थे। जिसके बाद पटाखा दुकानदारों ने जिमखाना मैदान में लगी थी। यह सब दुकानदार इस बार भी पटाखे के लाइसेंस बनवाने की फिराक में लगे हुए है, लेकिन अभी लाइसेंस बनाने के लिए मन कर दिया है।

इनका कहना है

सरधना की घटना के बाद सभी थाना प्रभारियों को अवैध पटाखों के गोदाम पकडऩे के आदेश जारी कर दिए है। आउटर एरिया में सभी गोदामों पर छापामारी की जाएगी। साथ ही घरों के अंदर पटाखें बनाने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। ताकि सरधना जैसे हादसे को होने से रोका जा सकें। पुलिस ने पिछले पांच सालों में पटाखा बेचने और बनाने वालों के रिकॉर्ड जुटाए है। उन्हें थाने में बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

- अजय साहनी, एसएसपी


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