गर्भ में कन्या का पता चलने पर निकाल दिया घर से
समाज और सिस्टम की सताई एक महिला और उसके गर्भ में पल रहा शिशु इन दिनों न्याय के लिए भटक रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। समाज और सिस्टम की सताई एक महिला और उसके गर्भ में पल रहा शिशु इन दिनों न्याय के लिए भटक रहे हैं। उसे न थाना पुलिस से मदद मिली और न ही महिला पुलिस ने उसकी बात पर ध्यान दिया। सब जगह से निराश विवाहिता अंतत: सोमवार को पुलिस आफिस पहुंची और कांपती आवाज में एसपी क्राइम रामअर्ज को आपबीती सुनाई।
जानी थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी करीब छह साल पहले सरूरपुर थाना क्षेत्र निवासी एक फैक्ट्री कर्मी से की थी। विवाहिता का आरोप है कि ससुराल के लोगों की जिद थी कि पहला बच्चा लड़का हो। उसका एक बार गर्भपात हो गया था। छह माह पहले जब वह दोबारा गर्भवती हुई तो ससुरालवालों ने सरधना स्थित एक अस्पताल में भ्रूण लिंग परीक्षण कराया। लड़की का पता चलने पर उनका गुस्सा बढ़ गया। उसपर गर्भपात का दबाव बनाया गया तो विवाहिता ने इंकार कर दिया। इससे घर में तनाव रहने लगा। अंतत: दो दिन पहले ससुरालवालों ने उसको पीटकर घर से निकाल दिया। इसके बाद विवाहिता ने जानी और सरूरपुर पुलिस से शिकायत की, लेकिन दोनों थानों की पुलिस ने उसे महिला थाने के लिए टरका दिया। विवाहिता का आरोप है कि महिला थाने में भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
इन्होंने कहा::::
मामला हमारे संज्ञान में आ गया है। शिकायत की जांच शुरू करा दी गई है। यदि परीक्षण के साथ ही ससुरालियों द्वारा उसे घर से निकाल देने की बात सच पाई गई तो संबंधित सभी पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- रामअर्ज, एसपी क्राइम।