आग लगी, काबू पाया, एंबुलेंस में भेजे झुलसे लोग
दौराला आर्गेनिक्स में बुधवार दोपहर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक हिस्से में आग लग गई। दमकल गाड़ी ने आग पर काबू पाया और झुलसे लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा।
मेरठ । दौराला आर्गेनिक्स में बुधवार दोपहर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक हिस्से में आग लग गई। दमकल गाड़ी ने आग पर काबू पाया और झुलसे लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। सब लोग सहम गए, लेकिन इसी बीच पता चला कि यह आग लगने की कोई घटना नहीं, बल्कि दमकल विभाग की फायर ड्रिल थी।
अग्निशमन सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को मैसर्स दौराला आर्गेनिक्स में दमकल विभाग द्वारा फायर ड्रिल का आयोजन किया गया। आयोजन मुख्य अग्निशमन अधिकारी अजय कुमार शर्मा, अग्निशमन अधिकारी संजीव कुमार सिंह, दौराला आर्गेनिक्स की फायर सेफ्टी यूनिट के हैड संजीव गुप्ता के संयुक्त नेतृत्व में संपन्न हुआ। इस दौरान दमकल कर्मियों ने आग लगने पर आपातकालीन स्थिति में उठाए जाने वाले कदम तथा आग से बचाव के तरीके बताए। झुलसे व्यक्ति को किस तरह प्राथमिक उपचार दिया जाए, इसकी जानकारी दी गई। फायर ड्रिल का उपरांत सीएफओ अजय कुमार शर्मा ने दौराला आर्गेनिक की फायर सेफ्टी यूनिट को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएफओ ने बताया कि अग्निशमन सप्ताह के अंतर्गत वर्धमान प्लाजा रूड़की रोड, विशाल मेगा मार्ट रूड़की रोड में भी अग्निसुरक्षा के दृष्टिकोण से फायर निरीक्षण किया गया।
भल्ला इंटरनेशनल में भी मॉक ड्रिल
अग्निशमन केंद्र परतापुर की तरफ से उद्योगपुरम, परतापुर स्थित भल्ला इंटरनेशनल में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें कंपनी के कर्मचारियों से लेकर निदेशक तक ने तन्मयता से भाग लिया। परतापुर अग्निशमन केंद्र प्रभारी रविंद्र सिंह व उनके सहयोगियों ने आग बुझाने के उपाय विषय पर कार्य करते हुए आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। नवजात की मौत पर सरस अस्पताल में हंगामा
मेरठ। नवजात की मौत पर तीमारदारों ने मंगल पांडेय नगर स्थित सरस अस्पताल में हंगामा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मौत हुई है।
गंगानगर निवासी दीपा पत्नी प्रशांत ने 12 अप्रैल को दो बच्चों को जन्म दिया था। दोनों का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। दोनों को सरस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से 14 अप्रैल को नवजात बेटी न्यूटिमा अस्पताल भेज दी। वहां उसकी मौत हो गई, जबकि दूसरे शिशु की हालत गंभीर है और वह सरस अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। प्रशांत ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उपचार में लापरवाही बरती है। इसलिए एक शिशु की मौत हुई। दूसरे शिशु को चिकित्सक समय से देखने तक नहीं पहुंच रहे हैं। उपचार के नाम पर मोटा बिल बनाया गया। मामला बढ़ने पर पुलिस पहुंची और उन्हें शांत किया। मेडिकल थाना प्रभारी कैलाश चंद ने बताया कि अस्पताल में भर्ती एक शिशु का उपचार चल रहा है। उधर, चिकित्सक सोहनवीर का कहना है कि जुड़वा बच्चों का जन्म समय से पहले हो गया था। अस्पताल में भर्ती एक शिशु का उपचार गंभीरता से किया जा रहा है।