वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में वित्तीय अनियमितता की होगी जांच, नगर आयुक्त ने लिखा पत्र
भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव व संचालन के नाम पर हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कराई जाएगी।
मेरठ, जेएनएन। भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव व संचालन के नाम पर हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कराई जाएगी। नगर आयुक्त ने जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल को पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। प्रशासनिक जांच की मांंग की है। सूत्रों की माने तो जल निगम एमडी ने विजिलेंस से जांच कराने की बात कही है।
प्रशासनिक जांच की मांंग
नगर आयुक्त ने एमडी जलनिगम को पत्र के जरिये बताया है कि भोला की झाल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कुछ दिन पहले महापौर सुनीता वर्मा और जल निगम यांत्रिकी के अधिशासी अभियंता अमित सहरावत ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कई मशीन खराब मिली थी। दीवारों में दरार पाई गई थी। इस सम्बंध में 24 बिंदुओं पर उनकी ओर से नगर निगम को रिपोर्ट सौंपी गई है। रिपोर्ट में प्लांट के रखरखाव व संचालन में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह प्लांट जल निगम की नागर इकाई के सुपुर्द है। नगर निगम को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है। नागर इकाई ने रखरखाव व संचालन का काम प्रतिभा इंडस्ट्री को सौंपा था लेकिन महापौर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कम्पनी कर्ज में डूब गई है। इसने दूसरी कम्पनी टीएल इंफ़्रा को यह काम सौंप दिया है। इस तरह वित्तीय अनियमितता की जा रही है। नगर आयुक्त ने जल निगम के एमडी से इस मामले की त्वरित जांच कराने का आग्रह किया है। साथ ही स्पष्ठ किया है कि प्लांट अगर नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया तो 30 जून से नगर निगम से होने वाला मेंटिनेंस का भुगतान नही किया जाएगा।