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कोरोना के तीसरी लहर से मुकाबला, मेरठ में 12 आक्सीजन प्लांट व 4000 कोविड बेड बनकर तैयार

अब तीसरी लहर की आशंका से पहले प्रशासन एलर्ट हो गया है। बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड बनाए गए वहीं जिले में 12 नए आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगा दिए गए। तीसरी लहर सितंबर की शुरुआत तक आ सकती है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 10:09 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:09 AM (IST)
कोरोना के तीसरी लहर से मुकाबला, मेरठ में 12 आक्सीजन प्लांट व 4000 कोविड बेड बनकर तैयार
मेरठ में कोरोना के तीसरी लहर के खिलाफ जंग की तैयारी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोविड की दूसरी लहर तांडव मचाकर निकल गयी। संक्रमण इतना तेज आया कि होश संभालने से पहले सैंकड़ों मरीजों की जान चली गयी। अब तीसरी लहर की आशंका से पहले प्रशासन एलर्ट हो गया है। बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड बनाए गए, वहीं जिले में 12 नए आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगा दिए गए। तीसरी लहर सितंबर की शुरुआत तक आ सकती है, जिससे निपटने के सभी इंतजाम 10 अगस्त तक कर लिए जाएंगे, वहीं टीकाकरण को भी तेज कर दिया गया है।

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मार्च माह के अंत मे दूसरी लहर तेज हुई थी, और अप्रैल माह में एक सप्ताह तक जिले में रोजाना 1500-2000 नए मरीज मिले, जबकि रोज 30 से ज्यादा ने जान गवाई। एक अपैल 2021 से अब तक मेरठ में 44, 530 मरीज मिल चुके हैं। दूसरी लहर में मेडिकल कालेज में 400 बेडों का कोविड वार्ड भर गया, वहीं अन्य 30 कोविड अस्पतालों में बेड न मिलने से हाहाकार मच गया। मेडिकल कालेज के मेडिसिन के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि दूसरी लहर में मरीजों में वायरल लोड ज्यादा था। एक्स रे और सीटी स्कैन में छाती में भयावह संक्रमण मिला। कई मरीजों के दोनों फेफड़े खराब हो गए। डी-डायमर, फेरिटीन और सी-आरपी जैसे खतरनाक मार्कर कई गुना बढ़ गए। इसीलिए रक्त का थक्का बनने से कई कोविड मरीजों की मौत हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हुई। रेमिडीसीवीर की भयावह कमी हो गयी। मेडिकल कॉलेज में मौत की दर 50 फीसद पार कर गयी। उधर, लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होने, स्टेरॉयड लेने और शुगर बिगड़ने से जिले में 300 से ज्यादा लोगों को ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी हुई, जिसका खौफ एक बार फिर सताने लगा है।

इलाज में एंटीबाडी काकटेल के साथ अब 2 डीजी भी : जिले में 12 सरकारी और 29 प्राइवेट कोविड अस्पताल हैं। दूसरी लहर में रेमिडीसीवीर इंजेक्शन, आक्सीजन सिलेंडर और बेड का भयावह संकट था, ऐसे में प्रदेश सरकार ने इलाज के लिए पर्याप्त मात्र में रेमिडीसीवीर इंजेक्शन उपलब्ध कराया है। निजी अस्पतालों में एंटीबाडी काकटेल और 2-डीजी से भी मरीज ठीक किया। अस्पतालों में पर्याप्त मात्र में वाईपेप, वेंटीलेटर और बेड उपलब्ध कराए गए हैं। मंडलायुक्त नियमित रूप से मेडिकल कालेज समेत अन्य कोविड केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं।

ये है मेरठ में वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर

कुल अस्पताल                 31

कोविड बेड                   3544

आक्सीजन युक्त बेड     1186

आइसीयू बेड                  712

वेंटीलेटर                       246

आक्सीजन प्लांट: 12 तैयार, 8 और जल्द

बच्चों के लिए: 500 कोविड बेड

पीडियाटिक आइसीयू: 110 बेड

12 सरकारी समेत 20 आक्सीजन प्लांट तैयार

दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीजों की जान गई। अस्पतालों में आक्सीजन के लिए मारामारी और चीख पुकार मची। अब प्रशासन आक्सीजन की कमी पूरी करने पर सर्वाधिक फोकस कर रहा है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले में 12 आक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हैं। मेडिकल कालेज में दो जनरेशन प्लांट लगाया गया है। छह सामुदायिक केंद्रों में प्लांट चालू हो चुका है। जिला अस्पताल में एक हजार सिलेंडर वाला प्लांट बन रहा है। वहीं, न्यूटिमा और केएमसी जैसे कई निजी अस्पतालों में भी आक्सीजन लबालब है।

5170 सैंपलों की जांच में मिला एक संक्रमित

शनिवार को 5170 सैंपलों की जांच में एक कोरोना संक्रमित मिला। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले में अब एक्टिव केसों की संख्या शुक्रवार की तुलना में घटकर 17 बची है। चार मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है, जबकि नौ मरीज होम आइसोलेशन पर हैं। 


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