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Fight Against Coronavirus: मेरठ की इलेक्टिक केबल पर सांस लेगा भेल का वेंटीलेटर Meerut News

Fight Against Coronavirus केंद्र ने भेल समेत कई बड़ी कंपनियों को वेंटिलेटर बनाने का कांटेक्‍ट दिया है। इस संबंध में भेल में बना हुआ वेंटिलेटर मेरठ के इलेक्टिक केबल पर चलेगा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 11:24 AM (IST)
Fight Against Coronavirus: मेरठ की इलेक्टिक केबल पर सांस लेगा भेल का वेंटीलेटर Meerut News
Fight Against Coronavirus: मेरठ की इलेक्टिक केबल पर सांस लेगा भेल का वेंटीलेटर Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। कोविड-19 से लड़ने के लिए मेरठ ने तकनीकी अस्त्र उठा लिया है। केंद्र सरकार ने भारत हैवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (भेल) समेत कई मोटर निर्माता कंपनियों को मई माह तक 50 हजार नए वेंटीलेटर बनाने को कहा है। इसके लिए मेरठ की कंपनी भी टेफ्लॉन के तार उपलब्ध कराएगी। भेल ने कंपनी से संपर्क साधा है। इस जीवनरक्षक उपकरण का पिस्टन चलाने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है।

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कई मोटर कंपनियां भी संपर्क में

परतापुर स्थित मेरठ पीटीएफई प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसरो, डीआरडीओ, सेना, रेलवे, भेल समेत कई बड़ी कंपनियों के लिए इंसुलेटिंग केबल बनाती है। कंपनी के निदेशक मुकेश मित्तल ने बताया कि भेल ने इंसुलेटिंग केबल के लिए संपर्क साधा है। भेल केबल का सैंपल भेजेगी, जिसके बाद कंपनी उत्पादन शुरू कर देगी। इसका तार शून्य से -60 डिग्री से लेकर 300 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर सकता है। वोल्टेज ज्यादा या कम होने पर भी केबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वेंटीलेटर भी निर्बाध रूप से चलता रहेगा। केंद्र सरकार की पहल पर टाटा, महिंद्रा, मारुति, जरनल मोटर व डीआरडीओ ने वेंटीलेटर बनाने की सहमति दी है। वेंटीलेटर के लिए नई कंपनियां ब्रीथ रेग्यूलेटर एवं फ्लो सेंसर भी बना रही हैं। भेल कंपनियों को माइक्रोचिप भी देगी।

क्या है वेंटीलेटर

वेंटीलेटर के जरिए गंभीर मरीजों को कृत्रिम सांस दी जाती है। जिन मरीजों के लंग्स नाकाम हो जाते हैं, उनके शरीर में मशीन से आक्सीजन पहुंचाई जाती है। वेंटीलेटर दो प्रकार के होते हैं। पहला, जिसमें सांस की नली में ट्यूब डालकर वेंटीलेट करते हैं। दूसरा, जिसमें मुंह पर मास्क लगाकर वेंटीलेटर से जोड़ दिया जाता है। अगर शरीर में आक्सीजन मेंटेन नहीं हुई तो मरीज को बेहोश कर सांस की नली में टयूब डालकर वेंटीलेटर से जोड़ देते हैं।

भेल ने वेंटीलेटर के लिए टेफ्लान तार बनाने को कहा है। ये तार तापमान ज्यादा होने या वोल्टेज के अप-डाउन होने से प्रभावित नहीं होते। भेल जल्द ही अपना केबल का सैंपल भेजेगी। हमारी कंपनी प्रशासन से अनुमति लेकर उत्पादन शुरू करेगी। कई अन्य कंपनियों से भी संपर्क साधा गया है।

मुकेश मित्तल, निदेशक, मेरठ पीटीएफई प्राइवेट लिमिटेड 


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