बागपत: दबंगों के डर से परिवार ने बिताई जंगल में रात, पुलिस पर लगाए आरोप
बागपत के रटौल में रुपयों के लेनदेन में हुए हमले में पुलिस के कार्रवाई न करने पर दबंगों के डर से पीड़ित परिवार ने जंगल में रात बिताने को मजबूर रहा। पुलिस ने मदद को कोतवाली पर बुलाकर फैसले को दबाव बनाया।
बागपत, जागरण संवाददाता। रटौल में रुपयों के लेनदेन में हुए हमले में पुलिस के कार्रवाई न करने पर दबंगों के डर से पीड़ित परिवार ने जंगल में रात बिताने को मजबूर रहा। पुलिस ने मदद को कोतवाली पर बुलाकर फैसले को दबाव बनाया। पीड़ित ने एसपी से शिकायत की है।
यह है मामला
रटौल निवासी इरशाद ने बताया कि उसके पिता साबूदीन ने दो साल पूर्व उसके चचेरे भाई को एक लाख रुपये उधार दिए थे। पिता की मौत पर अब आरोपित से कुछ दिन पहले रकम मांगी। आरोपित ने तमंचा दिखा जान से मारने की धमकी दी। शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के साथ उसका भी शांतिभंग में चालान किया। तब से आरोपित उसके परिवार से रंजिश रखता है। दो दिन पूर्व आरोपित ने रात में परिचितों संग मिलकर उसके परिवार पर हमला कर दिया। उसने पुलिस से शिकायत की तो हैड कांस्टेबल ने रात में फोन करने पर जमकर गालियां दी। रात में ही वह परिवार को लेकर घर से निकल गया था। दो रात स्वजन संग दबंगों के डर से जंगल में बिताई।
पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
आरोप है कि उसने एसपी से शिकायत की तो पुलिस ने उन्हें कोतवाली पर बुलाया। जहां पुलिस ने आरोपित पक्ष से साठगांठ कर मामले में फैसला करने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं फोन आदि छीनकर हवालात में बैठाने का प्रयास कर जेल भेजने की धमकी भी दी। पीड़ित ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने एसपी से शिकायत करने के लिए भी खूब हड़काया। इंस्पेक्टर दीक्षित कुमार त्यागी का कहना है कि जंगल में रात बिताने की बात गलत है। एक ही परिवार के लोगों में रुपयों के लेनदेन का मामला है। दोनों पक्ष में फैसला हो गया है।