Move to Jagran APP

चीन के एथलेटिक ग्रांड प्रिक्स में फातिमा ने जीता कांस्य

चीन के बीजिंग शहर में आयोजित सातवें चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंतर्गत व‌र्ल्ड पैरा एथलेटिक ग्रांड प्रिक्स में मेरठ की एथलीट फातिमा ने कांस्य पदक जीता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 07:00 AM (IST)
चीन के एथलेटिक ग्रांड प्रिक्स में फातिमा ने जीता कांस्य
चीन के एथलेटिक ग्रांड प्रिक्स में फातिमा ने जीता कांस्य

मेरठ । चीन के बीजिंग शहर में आयोजित सातवें चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंतर्गत व‌र्ल्ड पैरा एथलेटिक ग्रांड प्रिक्स में मेरठ की एथलीट फातिमा ने कांस्य पदक जीता है। दुनिया भर के प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों के बीच बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए डिस्कस थ्रोवर में जनवरी में हुए ट्रायल में पैरा खिलाड़ियों में रिकॉर्ड प्रदर्शन के साथ चयनित होने वाली फातिमा ने चयनकर्ताओं को तनिक भी निराश नहीं किया। मेरठ के रार्धना गांव की रहने वाली फातिमा ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतकर मेरठ के साथ ही देश का नाम भी रोशन किया है। इस खुशी के दिन ही फातिमा के जीजा का अचानक निधन होने के कारण परिवार में खुशी के पहले ही गम का माहौल छा गया।

loksabha election banner

मुसीबतों का सामना कर बढ़ी आगे

ऊर्जा निगम में स्टेनो के पद पर कार्यरत फातिमा साल 2015 में कार्यालय से घर जाने के रास्ते में आरके पब्लिक स्कूल के सामने सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गई थी। उस दौरान वह करीब छह महीने तक कोमा में रही और इस दौरान ही उनके पिता की मृत्यु हो गई। कोमा से बाहर निकलने पर फातिमा को पता चला कि उनके पिता तीन महीने ही गुजर चुके हैं। वहां से फातिमा से स्वयं को हिम्मत दी। दुर्घटना में मिली दिव्यांगता को उन्होंने खेल से दूर करने की कोशिश की और साल 2016 के अंत में एथलेटिक कोच गौरव त्यागी से मिली और ट्रेनिंग शुरू कर दी।

लगन और जिद से बढ़ी आगे

फातिमा के कोच गौरव त्यागी बताते हैं कि फातिमा में कमाल की लगन और खेल में अपनी सीमा को हर बार तोड़ने की जिद है। इसीलिए साल 2017 की शुरुआत में ट्रेनिंग शुरू करने के बाद फातिमा उसी साल पैरा एथलेटिक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता तक पहुंची। पहली बार कोई पदक नहीं मिला तो दूसरे साल और कड़ी मेहनत की और साल 2018 के नेशनल में रजत पदक जीता। साल 2019 के जनवरी में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुए ट्रायल में फातिमा ने सभी को चौका दिया और टीम में जगह बना ली।

ओलंपिक टिकट पाने के निकट हैं फातिमा

कोच गौरव त्यागी के अनुसार पिछले ओलंपिक गेम्स में पैरा एथलेटिक डिस्कस थ्रो में 30 मीटर थ्रो पर मेडल था। इस साल ओलंपिक ट्रायल की क्वालीफाइंग दूरी 21 मीटर है। फातिमा वर्तमान में 20 मीटर तक डिस्कस फेंक रही हैं। ऐसे में उम्मीद है कि ओलंपिक ट्रायल में फातिमा जरूर सफल हो सकती हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.