शामली के किसानों ने वार्ता कर हल निकालने की मांग की, खेतों में डटकर बहा रहे हैं पसीना
शामली के कई किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तीन महीनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। समस्या का हल नहीं निकल रहा है। अगर खेतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो परेशानी हो जाएगी। आंदोलन भी चलता रहना चाहिए और फसलें भी खराब नहीं होनी चाहिए।
शामली, जेएनएन। किसान आंदोलन को शुरू हुए तीन महीने से ज्यादा का समय हो गया है। दूसरी ओर इन दिनों गन्ने की छिलाई जोरों पर है। गेहूं की फसल भी करीब एक महीने बाद पककर तैयार हो जाएगी। सब्जी के काश्तकार भी दिनरात खेतों में काम कर रहे हैं। कृषि कानूनों पर कई किसानों ने कहा कि देशहित में किसान आंदोलन काा कोई न कोई हल जरूर निकालना चाहिए। मालैंडी, बधेव, कसेरवा आदि गांवों के किसान खेतों गन्ना छील रहे हैं। बनत और आसपास के किसान भी गन्ने की छिलाई में मशगूल हैं।
औने-पौने दाम में बिक रही गोभी
कैराना क्षेत्र में किसानों द्वारा गन्ने की फसल को प्रमुखता दी जाती है। वहीं इसी के साथ गोभी आदि सब्जियों, धान व गेहूं की फसल को भी अधिकतर किसान प्राथमिकता देते हैं। इस दौरान किसान अहसान माली का कहना है कि गोभी की फसल को हम हर वर्ष तैयार करते हैं। फसल तैयार होने के बाद आजद मंडी दिल्ली में भेजा जाता रहा है। जहां हमें एक कट्टा लगभग 150 से 200 रुपये का बिक जाता था, लेकिन दिल्ली में स्थित आजादपुुर मंडी बन्द होने के कारण यह कट्टा 80 से 90 रुपये का अन्य मंडियों में बिक रहा है। वहीं किसान मुनव्वर का कहना है कि हम जैसे छोटे किसान हरियाणा की मंडियों में मौजूद व्यापरियों से एडवांस रकम लेकर फसल तैयार कर लेते थे। वहीं किसान आंदोलन में जाने की बात पर कहा कि हम लोग तो मेहनत कर अपने बच्चों का पालन पोषण करने में ही मशगूल हैं।
अगर समय पर खेतों में काम नहीं किया गया तो पड़ जाएंगे खाने के भी लाले
कांधला क्षेत्र के किसान देवेंद्र सिंह पंजोखरा का कहना है कि किसानों का आंदोलन करना ठीक नहीं है। खेतों पर इस समय बहुत काम है। अगर समय पर खेतों में काम नहीं किया गया, तो खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। किसानों को धरना समाप्त कर खेतों पर ध्यान देना चाहिए। गांव गढ़ी दौलत निवासी शराफत का कहना है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब तीन महीनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे है। समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है। ऐसे में अगर खेतों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो परेशानी हो जाएगी। आंदोलन भी चलता रहना चाहिए और फसलें भी खराब नहीं होनी चाहिए। इस समय गन्ने की फसल की छिलाई का कार्य चल रहा है। अगर गन्ने की कटाई नहीं हुई, तो गन्ना खेतों में खड़ा रह जायेगा।