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बंद रेलवे फाटक खुलवाने के लिए कलक्ट्रेट पहुंचे किसान, डीएम से बोले हजारों को हो रही परेशानी Meerut News

मेरठ में रेलवे द्वारा फाटक संख्या 7040 को बंद करने के विरोध में किसान कलक्ट्रेट पहुंचे। उनका कहना था कि रेलवे ने फाटक संख्या 7040 सकौती को बंद कर दिया है जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्‍होंने ज्ञापन भी दिया।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 12:30 PM (IST)
बंद रेलवे फाटक खुलवाने के लिए कलक्ट्रेट पहुंचे किसान, डीएम से बोले हजारों को हो रही परेशानी Meerut News
रेलवे फाटक खोले जाने की मांग को लेकर किसानों ने डीएम को ज्ञापन दिया।

मेरठ, जेएनएन। रेलवे द्वारा फाटक संख्या 7040 को बंद करने के विरोध में मंगलवार को क्षेत्रवासी किसान कलक्ट्रेट पहुंचे। कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम के नाम ज्ञापन दिया। उनका कहना था कि रेलवे ने फाटक संख्या 7040 सकौती को बंद कर दिया है, जिससे क्षेत्र के किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फाटक को पार करके करीब 25 गांव के लगभग 15 हजार किसानों द्वारा अपना गन्ना सकौती चीनी मिल को आपूर्ति किया जाता है।

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यह समस्‍या आती है

उनका कहना था कि रेलवे फाटक के नीचे से अंडर पास प्रस्तावित है, जो कि किसानों के लिए भैंसा बुग्गी लेकर आना जाना कठिन है। उनका कहना है कि वहां जाने के लिए किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग भी पार करना पड़ेगा। जिससे पिछले कई सालों में लगभग 500 किसान सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने किसानों द्वारा प्रस्तावित किए गए सुझाव का नक्शा भी ज्ञापन के साथ संलग्न किया। जिसमें किसानों को हाइवे पार नहीं करना पड़ेगा।

अंडरपास के निर्माण तक फाटक को खुलवाया जाए

किसानों का कहना था कि जब तक अंडरपास का निर्माण हो तब तक फाटक खुलवा कर किसानों को अपना गन्ना डालने का समय दिया जाए। जब किसानों द्वारा प्रस्तावित अंडरपास सुचारू रूप से चालू हो जाए, तब फाटक को बंद करा दीजिए। उन्होंने डीएम से यह भी मांग की कि बाजार से होते हुए मिल तक जाने के रास्ते को भी कम से कम 10 मीटर चौड़ीकरण कराया जाए, जिससे किसानों को गन्ना डालने में सुविधा हो सके। क्योंकि यहां के क्षेत्र के किसानों की जीविका का एकमात्र स्रोत गन्ने की फसल है। उन्होंने डीएम से मांग की कि किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाए।

यह रहे शामिल

ज्ञापन देने वालों में सतवीर आर्य, वेदव्रत आर्य, मुकेश प्रधान व सेवाराम आदि शामिल रहे।


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