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Famous Temples In Muzaffarnagar: आस्था व खुशियों का संगम है शिवचौक का महादेव मंदिर

Famous Temples In Muzaffarnagar मुजफ्फरनगर की हृदयस्थली कहे जाने वाले शिवचौक का महादेव मंदिर श्रद्धा आस्था व खुशियों का संगम है। महादेव के दरबार में मनता है जनप्रतिनिधियों की जीत का जश्न। कांवड़ यात्रा में करोड़ों श्रद्धालु करते हैं महादेव की परिक्रमा

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 08:00 AM (IST)
Famous Temples In Muzaffarnagar: आस्था व खुशियों का संगम है शिवचौक का महादेव मंदिर
Mahadev temple of Shiv Chowk Muzaffarnagar: ​​​​शिवचौक का महादेव मंदिर।

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरनगर की हृदयस्थली कहे जाने वाले शिवचौक का महादेव मंदिर श्रद्धा, आस्था व खुशियों का संगम है। मंदिर का पौराणिक महत्व है। विभिन्न संगठनों व राजनीतिक दलों के लोग धरने-प्रदर्शन से लेकर जनप्रतिनिधियों की जीत का जश्न भी महादेव के चरणों में माथा टेककर मनाते हैं। कांवड़ यात्रा में करोड़ों श्रद्धालु श्रद्धा व आस्था के साथ महादेव की परिक्रमा करते हैं और अपने घर परिवार की सुख शांति, समृद्धि के लिए मन्नतें मांगते हैं। मनौतियां पूर्ण होने पर फिर बाबा के दरबार में माथा टेकते हैं और महादेव की आरती कराकर प्रसाद का वितरण कराते हैं। पूरे सावन भर भगवान शिव की पूजा आराधना का महत्व है। भगवान शिव की रोज पूजा करने से पुण्य फल प्राप्त होता हैं। भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है इसलिए इस माह में खास तौर पर सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा होती है। अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र, शमी पत्र, कुशवाह भांग, धतूरा, श्रीफल भोलेनाथ को अर्पण करते हैं महादेव की भक्ति से संयम, नियंत्रण, विनम्रता, सहनशीलता प्राप्त होती है, जो प्रभु को अत्यंत प्रिय है। महादेव ऐसे देवता हैं जो मात्र एक लौटा जल से प्रसन्न हो जाते हैं। मंदिर का इतिहास

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शहर के शिवचौक पर महादेव मंदिर की स्थापना वर्ष 1956 में नगर पालिका ने कराई थी। इसके बाद मंदिर की मान्यता एवं महत्व बढ़ता गया। दूर-दूर से श्रद्धालु आकर महादेव के दरबार में हाजिरी लगाने लगे। मंदिर की मान्यता बढ़ने के साथ ही इसकी कार्यकारिणी गठित हुई। कार्यकारिणी ने वर्ष 1991 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद मंदिर की मान्यता और बढ़ गई। मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह पांच बजे तथा शाम को 7.30 बजे आरती होती है। हाल में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पूर्व विधायक सुरेश संगल व प्रबंधक शंकर स्वरूप बंसल हैं।

ऐसे पहुंचे मंदिर

महादेव मंदिर पर पहुंचने का रास्ता बिल्कुल आसान है। यह मेरठ-हरिद्वार मार्ग पर मुजफ्फरनगर शहर के बीचोबीच स्थित है। शिवचौक यहां का मुख्य चौराहा है। यहां से एक तरफ मेरठ की ओर, दूसरी तरफ रुड़की हरिद्वार, सहारनपुर, देहरादून की ओर, एक ओर बड़ौत, शामली, करनाल-पानीपत तथा दूसरी ओर भोपा, मोरना, जानसठ आदि की ओर पहुंचा जा सकता है। रोडवेज बस अड्डा, प्राइवेट बस अड्डे, रेलवे स्टेशन आदि से मंदिर पर पैदल या किसी भी वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

उमड़ता है कांवड़ियों का सैलाब

शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के बड़ी संख्या में कांवड़िये नीलकंठ, ऋषिकेश, हरिद्वार से गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर के शिवचौक से होकर गुजरते हैं। कांवड़िये शिवचौक पर महादेव की परिक्रमा करते हैं। इसके बाद वह अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। कांवड़ के दौरान मुजफ्फरनगर का शिवचौक क्षेत्र धार्मिक नगरी का रूप धारण कर लेता है। मंदिर के निकट भगत सिंह रोड, रुड़की रोड, मेरठ रोड पर धार्मिक गीत बजते रहते हैं। चहुंओर कांवड़ियों की सेवा के लिए शिविर लगे रहते हैं और उनमें भंडारे चलते रहते हैं। शिवभक्त कांवड़ियों के लिए ठहरने, खाने, नहाने की व्यवस्था की जाती है। प्रशासन की ओर से शिवचौक पर खोया-पाया केंद्र बनाया जाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान 15 दिन के लिए शिवचौक स्थित महादेव मंदिर का नजारा देखने लायक होता है। मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।

शिवरात्रि व महाशिवरात्रि पर होते हैं कार्यक्रम

सावन मास की शिवरात्रि और फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है। प्रति वर्ष मंदिर पर विशेष महाआरती दोपहर में दो बजे और रात साढ़े आठ बजे होती है। महाआरती में डीएम, एसएसपी समेत शहर के गणमान्य लोग भाग लेते हैं। आरती उपरांत सभी को प्रसाद का वितरण किया जाता है। इससे पूर्व बड़ी संख्या में शिवभक्त कतारों में लगकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करते हैं। रात में भजन संध्या का आयोजन होता है।

धरने प्रदर्शनों का गवाह है शिवचौक मंदिर

यहां पहले से ही परंपरा है कि विभिन्न हिंदू संगठन व राजनीतिक दल के लोग धरना प्रदर्शन व पुतले फूंकने का काम शिवचौैक से ही शुरू करते हैं।

जीतने के बाद जनप्रतिनिधि टेकते हैं माथा

चुनाव चाहे छोटा हो बड़ा, विभिन्न पार्टियों व संगठनों के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि चुनाव जीतकर शिवचौक पर पहुंचते हैं और महादेव के दरबार में माथा टेकते हैं तथा घंटा बजाते हैं। इसके बाद ही वह घर पहुंचते हैं। केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल भी चुनाव जीतने के बाद शिवचौक मंदिर पर पहुंचे और महादेव से आशीर्वाद प्राप्त किया। रैली, जनसंपर्क आदि की शुरुआत भी महादेव के पूजन के बाद शुरू करते हैं। मंदिर पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, राहुल गांधी मुजफ्फरनगर में अपनी रैलियों के दौरान महादेव पर माथा टेक चुके हैं। गत विधानसभा चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिवचौक से ही अपना जनसंपर्क शुरू किया था। इसके अलावा बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता महादेव के दर्शन कर माथा टेक चुके हैं।

गरीब कन्याओं की शादी कराता है शिवमूर्ति संचालक मंडल

शिवमूर्ति संचालक मंडल के प्रबंधक शंकर स्वरूप बंसल का कहना है कि मंदिर कमेटी द्वारा गरीब कन्याओं की शादी कराई जाती है। शादी का पूरा खर्च शिवमूर्ति संचालक मंडल करता है। कोई भी जरूरतमंद या गरीब मंदिर कमेटी से मिल सकता है।


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