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SO Dharmendra singh case: झूठा निकला पूर्व विधायक को हत्‍या की धमकी मिलने का मामला, पुलिस ने यह दिया तर्क Meerut News

हस्तिनापुर में पूर्व एसओ के फार्म हाउस से निकला विवाद राजनीति रूप लेता जा रहा है। पूर्व विधायक गोपाल काली ने गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि पूर्व एसओ घर्मेंद्र और पालिका चेयरमैन अरुण कुमार की तरफ से इंटरनेट कॉल कर धमकी दिलाई गई।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 08:02 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 08:02 PM (IST)
SO Dharmendra singh case: झूठा निकला पूर्व विधायक को हत्‍या की धमकी मिलने का मामला, पुलिस ने यह दिया तर्क Meerut News
पूर्व विधायक गोपाल काली की फाइल फोटो।

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में पूर्व एसओ के फार्म हाउस से निकला विवाद राजनीति रूप लेता जा रहा है। पूर्व विधायक गोपाल काली ने गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि पूर्व एसओ घर्मेंद्र और पालिका चेयरमैन अरुण कुमार की तरफ से इंटरनेट कॉल कर धमकी दिलाई गई। पुलिस ने चौबीस घंटे की जांच में स्पष्ट कर दिया कि पूर्व विधायक अपने निजी स्वार्थ में राजनीति लाभ लेने के लिए पूर्व थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह और पालिका चेयरमैन अरुण कुमार की मीडिया में पैरवी कर रहे हैं। अरुण और धर्मेंद्र की तरफ से पूर्व विधायक को कोई धमकी नहीं दिलाई गई है।

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पूर्व एसओ और चेयरमैन पर जताया था शक

हस्तिनापुर के पूर्व एसओ धर्मेंद्र सिंह ने द्रोपदी घाट पर पौने दो बीघा जमीन में फार्म हाउस बनाया था, जो उनकी पत्नी कल्पना सिंह के नाम है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक गोपाल काली ने प्रेस कांफ्रेंस की। धर्मेंद्र सिंह और पालिका चेयरमैन अरुण पर सांठ-गांठ करने के भी आरोप लगाए। यहां तक कहा गया कि फार्म हाउस गलत काम के लिए बनाया गया था। इसी के मद्देनजर पूर्व विधायक गोपाल काली ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उन्हें मोबाइल पर इंटरनेट कॉल से धमकी मिली है। उन्होंने पूर्व एसओ धर्मेंद्र सिंह और पालिका चेयरमैन अरुण पर शक जाहिर करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई।

राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा किया

पुलिस ने चौबीस घंटे की जांच में स्पष्ट कर दिया कि धमकी के मामले में धर्मेंद्र सिंह और अरुण कुमार का कोई हाथ नहीं है। साइबर सेल की तरफ से जारी की गई जांच रिपोर्ट ने भी इसकी पुष्टि की है। दर्शाया गया कि राजनीति स्टंट है, जो अग्रिम चुनाव में लाभ लेने के लिए पूर्व विधायक कर रहे है। केस डायरी में पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि पूर्व विधायक धमकी भी कोई रिकार्डिंग भी नहीं दे पाए है। उसके बाद भी पुलिस एक बार फिर से उक्त नंबरों की जांच कर रही है।

सुरक्षा का गेम प्लान तो नहीं

पूर्व एसओ और नगर पालिका चेयरमैन अरुण पर शक जाहिर करते हुए पूर्व विधायक ने धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया है। कहीं यह गनर लेने के लिए गेम प्लान तो नहीं है। हालांकि पूर्व विधायक का कहना है कि मुझे पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए। मेरी सुरक्षा करने के लिए जनता काफी है।

एसएसपी अजय साहनी ने क्‍या कहा

पूर्व विधायक ने धमकी मिलने की शिकायत की थी, जिस पर थाने में मुकदमा दर्ज कर साइबर सेल को भी लगा दिया था। पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है। पूर्व विधायक अपनी तरफ से कोई रिकार्डिंग नहीं दे पाए हैं। अभी तक जांच रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिन्हे केस डायरी का हिस्सा बनाया गया है।  


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