इन पंपों पर मिलता है नकली पेट्रोल, 10 साल से आपको लगा रहे थे चूना, अब आए पकड़ में Meerut News
भले ही आप पेट्रोल पंप पर जाकर पूरे पैसे देकर अपने वाहन में पेट्रोल डलवाकर आराम से वाहन चला रहे हों लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके वाहन में नकली पेट्रोल डाला गया था।
मेरठ, जेएनएन। बीते दस साल से मेरठ शहर में नकली पेट्रोल बनाने का धंधा जोरों पर चल रहा था, आम आदमी पेट्रोल पंपों से पूरे पैसे देकर अपने वाहनों में नकली पेट्रोल भरवा रहे थे। इसके चलते उनके वाहन भी खराब हो रहे थे। शहर में नकली पेट्रोल बनाने का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस टीम पूरी जांच पड़ताल में जुट गई। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो सामने आया कि वेस्ट यूपी से लेकर, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब तक नकली पेट्रोल मेरठ से सप्लाई किया जा रहा था। हर माह करोड़ों का नकली पेट्रोल सप्लाई किया जाता था। ऑयल कंपनी के टैंकर के चालक भी इस धंधे में शामिल थे। टैंकरों से असली पेट्रोल लेकर नकली मिलाने के बाद ही पंप पर बिक्री की जा रही थी। पुलिस ने इसे मामले में दस लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
आखिर क्यों अनजान बनी रही पुलिस
हैरान करने वाली बात यह है कि दस साल से चल रहे इस धंधे को दूसरे राज्य भी पकड़ नहीं पाए। आपूर्ति विभाग, ऑयल कंपनी के अफसर और पुलिस भी अनजान बनी रही। यही कारण है कि तीनों विभागों पर भी पुलिस ने जांच बैठा दी है। ताकि जांच रिपोर्ट उनके शीर्ष अफसरों को भेजी जाए। आइजी के आदेश पर इंस्पेक्टर परतापुर को लाइन हाजिर और टीपीनगर को सस्पेंड भी कर दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद दूसरे विभाग में हड़कंप मच गया है। पूर्ति विभाग भी अपने अफसरों को बचाने में जुटा हुआ है।
तीन राज्यों की पुलिस से किया संपर्क
वेस्ट यूपी के तमाम जिलों के एसएसपी के साथ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली पुलिस से भी मेरठ पुलिस संपर्क कर रही है। वहां के पेट्रोल पंप पर शिकंजा कसने के लिए वहां के अधिकारियों से कोर्डिनेशन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जहां-जहां पंपों पर पेट्रोल सप्लाई किया जा रहा था, इसकी सूची हम प्राप्त कर रहे है। उसके आधार पर वहां की पुलिस से संपर्क कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
SIT टीम का किया गया गठन
आइजी आलोक सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एक एसआइटी टीम का गठन किया। एसआइटी टीम ने प्रभारी एसपी देहात अविनाश पांडे को बनाया गया। एसआइटी टीम मुकदमे में जांच पड़ताल कर पूरे मामले में कार्रवाई करेगी। एसआइटी टीम में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल और कई इंस्पेक्टरों को शामिल किया गया।
रात को ही डाल दिया था पेट्रोल पंपों पर पुलिस ने डेरा
अजंता पेट्रोल पंप और पीपी मोटर्स पेट्रोल पंप पर देर रात करीब एक बजे ही पुलिस ने अपना डेरा डाल दिया था। ताकि पेट्रोल पंप मालिक कोई खेल न कर दें और सैंपल लेने में भी कोई गड़बड़ी न हो सके। सुबह को इस मामले की जानकारी आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को दी गई और उन्हें मौके पर बुलाकर भैंसाली बस स्टैंड और टीपीनगर तथा बेगमपुल स्थित तीनों पेट्रोल पंपों को निरीक्षण कराया गया। पुलिस को देखकर पेट्रोल पंप पर दिनभर हड़कंप मचा रहा।
इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन
दस साल से लोगों के वाहनों में नकली पेट्रोल चल रहा था। हजारों की संख्या में गाड़ियों के इंजन सीज हो चुके है। तब भी किसी अफसर ने वाहनों के इंजन सीज होने की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया। आइजी आलोक सिंह को मिली सूचना के बाद ही पहली बार इस तरह की कार्रवाई की गई। शहर में अनेकों ऐसे पंप है, जहां पर नकली पेट्रोल बेचा जा रहा था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? आपूर्ति विभाग कार्रवाई से बचता है जबकि पेट्रोल को लेकर सबसे ज्यादा शिकायत लोगों की रहती थी।
दस साल से चल रहा गोरखधंधा
दस साल से शहर में पेट्रोल पंपों पर मिलावटी पेट्रोल धड़ल्ले से बेचा जा रहा था। उसके बावजूद भी आपूर्ति विभाग के नमूनों में ज्यादातर पेट्रोल पंप पास हो जाते है, जबकि वाहनों की एजेंसी में हर माह चार से पांच शिकायतें इंजन खराब होने की आ रही है। तब भी नकली पेट्रोल की तरफ किसी अफसर का ध्यान नहीं गया। यदि पुलिस के अफसर इस मामले में संज्ञान नहीं लेते तो अभी भी नकली पेट्रोल का धंधा बदस्तूर जारी रहता।
टैंकर से उतर रहा था असली पेट्रोल
गोदामों के अंदर ऑयल कंपनी के टैंकर भी असली पेट्रोल उतारते थे। पुलिस के मुताबिक, असली पेट्रोल लेकर जाने वाले टैंकर भी उक्त लोगों के गोदामों के अंदर तक जाते थे। टैंकर की सील तोड़कर आधा असली पेट्रोल निकालकर नकली भर दिया जाता था। उक्त असली पेट्रोल को नकली में मिलाकर शहर के पेट्रोल पंप पर बेच दिया जाता था। पुलिस ने उक्त दोनों फर्म के लाइसेंस भी चेक किए जा रहे है। किस आधार पर उन्हें लाइसेंस मुहैया कराए थे। दोनों फर्म के लाइसेंस निरस्त करने की भी संस्तुति की जा रही है।
पंप पर ऐसे चेक कर सकते हैं पेट्रोल
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने वाले सभी लोगों का अधिकार है कि वह पेट्रोल की जांच कर सकते है। इसके लिए फिल्टर पेपर आता है। यह फिल्टर पेपर सफेद रंग का होता है। फिल्टर पेपर पर दो बूंद पेट्रोल डालकर चेक किया जा सकता है। दो बूंद डालने के चालीस सेकेंड तक पेट्रोल उड़ गया और कोई निशान नहीं बना तो पेट्रोल सही है। यदि निशान फिल्टर पेपर पर रह गया तो पेट्रोल मिलावटी है। पेट्रोल पंप पर एक कंपलेंट बुक भी होती है। कंपलेंट बुक को आप अपनी शिकायत दर्ज भी करा सकते है।
जेल गए तेल का खेल के आरोपित
पुलिस ने दो लाख लीटर नकली पेट्रोल पकड़कर गिरफ्तार किए दस लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया। पकड़े गए आरोपितों में राजीव जैन पुत्र श्रीपाल जैन निवासी महावीर नगर टीपीनगर दो पेट्रोल पंप का स्वामी है। उनके भतीजे गुड्डू से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। गुड्डू भी पेट्रोल पंप चलाते हैं। उसके अलावा श्वेत पुत्र प्रेम सागर निवासी पंजाबी, उमेश पुत्र राज बहादुर हाल निवासी गुप्ता कालोनी, तफशीराम पुत्र पुंवारुराम निवासी उत्तम नगर, प्रदीप गुप्ता पुत्र जगदंबिका प्रसाद निवासी साबुन गोदाम,आकाश गर्ग पुत्र लवकुश गर्ग निवासी गुरुनानक नगर, आनंद प्रकाश पुत्र अमर सिंह निवासी वसुंधरा थाना इंद्रापुरम, गाजियाबाद। रविंद्र कुशवाह पुत्र सहदेव निवासी रिझानी थाना परतापुर, राजवीर पुत्र सुखवीर निवासी इंद्रा कालोनी थाना परतापुर और राजकुमार पुत्र राजबल निवासी तलहैटा थाना भोजपुर गाजियाबाद को जेल भेज दिया। इस धंधे में जुड़े बाकी आरोपितों की धरपकड़ की जा रही है।
इनका कहना है
सभी आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि बड़े पैमाने पर नकली पेट्रोल बनाने का काम कर रहे थे। वेस्ट यूपी के कई पंपों पर इनकी सप्लाई थी। इसी के साथ-साथ इनका नेटवर्क पंजाब तक फैला हुआ था। पेट्रोल पंप सील की कार्रवाई हमारी रिपोर्ट पर आपूर्ति विभाग की टीम कर रही है। - आलोक सिंह, आइजी, मेरठ रेंज
प्रशासन ने हमारे तीन पेट्रोल पंप सील कर लिए है. तीनों पंपों की सैंपलिंग की जा रही है। जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। हमारा पेट्रोल और डीजल अच्छा है। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ जाएगी। - राकेश जैन, अध्यक्ष, मेरठ पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन एवं पंप मालिक
दो पेट्रोल पंपों से लिया गया सैंपल
मिलावटी पेट्रोल बेचने का भंडाफोड़ होने के मामले में बुधवार को खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने दो पेट्रोल पंपों से पेट्रोल के सैंपल लिए। इनमें से एक सैंपल भैंसाली बस अड्डे के सामने स्थित अजंता फ्यूल स्टेशन व दूसरा सैंपल बेगमपुल स्थित पीपी पेट्रोल पंप से लिया गया। क्षेत्रीय खाद्य आपूर्ति अधिकारी किशोर कुमार ने बताया कि सैंपल जांच के लिए आगरा या लखनऊ स्थित लैब में भेजे जाएंगे। सैंपल के लिए 750 मिली पेट्रोल लिए जाते हैं।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क, पुलिस बेखबर
भले ही मेरठ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की हो, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि दस साल से बड़े पैमाने पर नकली पेट्रोल वाहनों के इंजन को सीज कर चुका है। पुलिस और आपूर्ति विभाग अनजान था या अनजान बना हुआ था। हालात यहां तक है कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब और जालंधर तक सप्लाई पहुंच रही थी। पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि सभी राज्यों में उनकी सेटिंग थी। महानगर में भी पुलिस से लेकर पूर्ति विभाग और टैंकर के चालकों को मुनाफे की रकम से मोटा हिस्सा जाता था।
दिनभर चलता रहा सिफारिशों का दौर
नकली पेट्रोल बनाने के आरोपितों को छुड़ाने के लिए अफसरों पर लगातार सिफारिश चलती है। कई सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी अफसरों को कॉल की है। इतना ही नहीं नकली पेट्रोल बेचने वाले पंप स्वामी भी बचाव के लिए दिनभर अफसरों की जुगत में लगे रहे। पुलिस की इस कार्रवाई से पूरा दिन हड़कंप मचा रहा।
2.20 लाख लीटर नकली पेट्रोल बरामद
मंगलवार को आइजी आलोक सिंह के आदेश पर वेदव्यासपुरी में पारस केमिकल और देवपुरम में गणपति पेट्रोकैम पर छापा मारा गया था। पारस केमिकल से पुलिस ने चार और गणपति पेट्रोकैम से छह आरोपित गिरफ्तार किए थे। उनके कब्जे से 2.20 लाख लीटर नकली पेट्रोल बरामद किया। तीन किलो रंग और एक कैंटर भी पकड़ा गया। परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। छानबीन में पता चला कि पकड़े गए आरोपित राजीव जैन पुत्र श्रीपाल जैन निवासी महावीर नगर टीपीनगर के दो पेट्रोल पंप पर मिलावटी पेट्रोल बेचा जा रहा था।
पेट्रोल पंपों पर लगाई सील
क्राइम ब्रांच प्रभारी प्रशांत कपिल के नेतृत्व में टीम ने बेगमपुल, भैंसाली बस स्टैंड और टीपीनगर के तीन पेट्रोल पंप पर सील लगा दी। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि दस साल से नकली पेट्रोल बिक रहा था। इसमें कई विभागों की भूमिका पर भी संदेह है। पूर्ति विभाग, पेट्रोल भरकर ले जाने वाले ऑयल टैंकर और पुलिस की मिलीभगत भी सामने आ रही है। इसके लिए एसपी देहात को जांच दी गई है।