रक्तबीज कोरोना के खत्मे को राहत कोष में दें धन की आहुति
आज नवरात्र का आखिरी दिन नवमी है। पूरे नवरात्र व्रत रखने वाले आज देवी पूजन के बाद व्रत का पारायण करते हैं। पारंपरिक रूप में इसी दिन हवन कन्या पूजन और दान किया जाता है। कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार हो सकता है विधि-विधान का पालन न हो पाए। राष्ट्रीय संकट की घड़ी में विधि-विधान को लेकर शास्त्र मर्मज्ञों की राय जानते हैं।
मेरठ, जेएनएन। आज नवरात्र का आखिरी दिन नवमी है। पूरे नवरात्र व्रत रखने वाले आज देवी पूजन के बाद व्रत का पारायण करते हैं। पारंपरिक रूप में इसी दिन हवन, कन्या पूजन और दान किया जाता है। कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार हो सकता है विधि-विधान का पालन न हो पाए। राष्ट्रीय संकट की घड़ी में विधि-विधान को लेकर शास्त्र मर्मज्ञों की राय जानते हैं।
स्वामी सत्यानंद महाराज का कहना है कि देवी पुराण में प्रसंग आता है कि रक्तबीज नामक राक्षस था। युद्ध में उसके रक्त की जितनी बूंद गिरती थी, उतने ही राक्षस उत्पन्न हो जाते थे। इसलिए युद्ध में उसे परास्त करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में देवों की प्रार्थना पर देवी ने काली का रूप धारण कर उसका वध किया था। कोरोना भी ऐसा ही रक्तबीज रूपी राक्षस है, जो संक्रमित होकर लगातार एक से सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना रहा है। नवमी पर प्रतीकात्मक कन्या पूजन कर क्षमता अनुसार कोरोना के खात्मे के लिए राहत कोष में दान देना चाहिए।
जगतगुरु पीठाधीश्वर इंद्रप्रस्थ पंचमुखी महादेव मंदिर कृष्ण स्वरूपानंद महाराज का कहना है कि शास्त्रों में कहा गया है कि विपत्ति काल में विधान का पालन संभव न हो तो इससे कोई दोष नहीं होता है। काल और परिस्थितियां कहती हैं कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुई स्थितियों से निपटने के लिए हमें आगे आना चाहिए। नवमी के दिन श्रद्धालुओं को घर पर ही हवन आदि कर जरूरतमंदों के निमित्त भोजन वितरित करना चाहिए और जितना संभव हो राहत कोष में दान कर कोरोना के खात्मे का संकल्प लेना चाहिए। कोरोना के खात्मे के लिए हवन में शारीरिक दूरी का पालन नहीं
मेरठ : कोरोना के खात्मे के लिए औघड़नाथ मंदिर में देवी दुर्गा के मंदिर में हुए हवन में लाकडाउन का उल्लंघन होता नजर आया। मंदिर समिति के पदाधिकारी जिस समय हवन कर रहे थे, उस समय वहां पर पांच से अधिक लोग मौजूद रहे। औघड़नाथ मंदिर के कपाट लाकडाउन की अवधि में बंद चल रहे हैं। बुधवार को अष्टमी के दिन समिति के पदाधिकारी प्रतीकात्मक रूप से हवन कर रहे थे। हवन के दौरान पंडितों के अलावा कई लोग मंडप मौजूद रहे। समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि कोरोना के खात्मे के लिए दो सदस्य और तीन पुरोहित यज्ञ में शामिल थे। इसी दौरान मंदिर के दो-तीन कर्मचारी मंडप में आ गए। लाक डाउन के उल्लंघन जैसी कोई बात नहीं है।