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Ban के बाद भी सड़कों पर उतारीं 455 ई-रिक्शा, जाम का बोझ तो बढ़ेगा ही

शहर में लगने वाले जाम पर अधिकारियों के अलावा वाहन डीलरों की भी बड़ी भूमिका सामने आई है। प्रतिबंध के बाद भी शहर में अवैध रूप से सैकड़ों ई-रिक्शा उतार दी गई।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 02:15 PM (IST)
Ban के बाद भी सड़कों पर उतारीं 455 ई-रिक्शा, जाम का बोझ तो बढ़ेगा ही
मेरठ, [पंकज तोमर]। शुक्रवार को भी शहर के तमाम मार्गो पर जाम का झाम रहा। दिनभर यातायात रेंगता रहा और लोग हलकान हो गए। सुबह से ही शहर की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। दिल्ली रोड पर माधवपुरम, ब्रहमापुरी, शारदा रोड, फुटबाल चौक, रेलवे रोड, घंटाघर, जिला अस्पताल मार्ग, खैरनगर के अलावा बच्चा पार्क, ईव्ज चौराहा, हापुड़ अड्डा, नई सड़क आदि जगहों पर भीषण जाम रहा।शहर में जाम पर अधिकारियों के अलावा वाहन डीलरों की भी बड़ी भूमिका सामने आई है। प्रतिबंध के बाद भी शहर में अवैध रूप से सैकड़ों ई-रिक्शा उतार दी गई। अफसरों को मामले की भनक लगी तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बैठक कर कार्रवाई की रूपरेखा बनाई। शनिवार (आज) 26 डीलरों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
कमिश्नर ने आदेश करने के बावजूद बेचे ई-रिक्शा
जाम की समस्या से जूझ रहे लोगों को निजात दिलाने के लिए तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने अहम कदम उठाया था। उन्होंने आरटीओ को आदेश दिए थे कि 5000 से अधिक ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन न किया जाए। आरटीओ विभाग ने 4991 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन कर दिया और तत्काल प्रभाव से ई-रिक्शा की बिक्री पर रोक लगा दी। शहर के सभी 55 वाहन डीलरों प्रतिबंध आदेश से अवगत करा दिया गया। बावजूद, डीलरों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी।
हो सकता है मुकदमा
आरटीओ कार्यालय में सूची पर मंथन हुआ और डीलरों के विरुद्ध कार्रवाई की रूपरेखा बनाई। मामले पर आरटीओ विजय कुमार शनिवार को डीएम से मिलेंगे। उनके आदेश होते ही इन पर मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा और ई-रिक्शा जब्त की जाएंगीं।
पुलिस नहीं करती सहयोग
आरटीओ का कहना है कि पुलिस सहयोग नहीं करती है। यदि वह ई-रिक्शा पकड़ भी लेते हैं तो थानों में नहीं ली जाती। वहां जगह कम होने के कारण मना कर दी जाती है। ई-रिक्शा पर अंकुश नहीं लगने की बड़ी वजह यह भी है।
यहां भी खींचतान
ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि उन्होंने ई-रिक्शा के लिए 23 रूट निर्धारित कर रखे हैं, जबकि आरटीओ का कहना है कि उनके रिकॉर्ड में कोई रूट ही निर्धारित नहीं है।
जाम से शहर हुआ हलकान, रेंगते रहे वाहन
जाम के झाम की समस्या से निजात दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग मिलकर कार्रवाई करने जा रहा है। ई-रिक्शा और टेंपो को नो-टेंपो जोन से बाहर निकाला जाएगा। जीरो माईल से हापुड़ अड्डा और तेजगढ़ी पर नो-टेंपो जोन है, लेकिन स्याह सच यह है कि इन्हीं स्थानों पर सबसे अधिक ई-रिक्शा और टेंपो दौड़ रहे हैं। दिन में हालात यह होते हैं कि चंद मिनट की दूरी घंटों की हो जाती है। यातायात पुलिस जाम लगने का ठीकरा नगर निगम पर फोड़ रही है, जबकि निगम के अफसर ट्रैफिक पुलिस को जिम्मेदार बता रहे हैं। शुक्रवार को ट्रैफिक एसपी संजीव कुमार बाजपेयी ने आरटीओ विजय कुमार को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि नो-टेंपो जोन में टेंपो व ई-रिक्शा नहीं घुसने दिए जाएंगे। इसके लिए दोनों विभाग मिलकर काम करेंगे। आरटीओ की ओर से भी हरी झंडी मिल गई है। बहुत जल्द दोनों विभागों की टीम सड़कों पर उतर जाएगी।
एक नंबर के कई ई-रिक्शा
ट्रैफिक पुलिस ने माना कि एक-एक नंबर के कई-कई ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। ऐसे कुछ नंबरों को ट्रैस भी किया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो आरटीओ कार्यालय के बाहर खड़े होने वाले दलाल इस काम को अंजाम दे रहे हैं। सूचना तो यहां तक है कि फर्जी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज बनाकर ई-रिक्शा चालकों को दिए जाते हैं। बदले में उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। यातायात पुलिस ने आरटीओ से इस बाबत बात भी की है।
ऐसे हुआ राजफाश
हाल ही में आरटीओ ने डीलरों से ई-रिक्शा बिक्री की सूची मांगी तो वह भी हतप्रभ हो गए। प्रतिबंध के बाद भी डीलरों ने 455 ई-रिक्शा बेच दी, जो बगैर रजिस्ट्रेशन सड़कों पर फर्राटे भर रही हैं।
इनका कहना है
आदेशों का उल्लंघन करने वाले डीलरों पर कार्रवाई तय है। शहर की यातायात व्यवस्था को उन्होंने चोट पहुंचाई है।
- विजय कुमार, आरटीओ
यातायात व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी। रैली निकलने वाले स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
- संजीव कुमार बाजपेयी, एसपी-यातायात 

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