यूपी बोर्ड की 26 लाख छात्राओं के रिजल्ट में गलती
वर्ष 2016 और 2017 की हाईस्कूल की छात्राओं को मार्कशीट में कराना पड़ेगा सुधार। बोर्ड ने इस साल रिजल्ट से पहले नाम से 'कुमारी' हटाया।
मेरठ (अमित तिवारी)। माध्यमिक शिक्षा परिषद के एक निर्णय ने हाईस्कूल की करीब 26 लाख छात्राओं की परेशानी बढ़ा दी है। वर्ष 2016 और 2017 में हाईस्कूल पास करने वाली छात्राओं को अपने रिजल्ट में सुधार कराना पड़ेगा। अब सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में कालेजों में दाखिले से लेकर नौकरी तक परेशानी उठानी पड़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि 10वीं व 12वीं की मार्कशीट में उनके नाम अलग-अलग हो गए हैं।
होंगे लाखों करेक्शन
वर्ष 2018 में 12वीं में उत्तीर्ण बालिकाओं के रिजल्ट में नाम से 'कुमारी' हटाने से वर्ष 2016 व 2017 में 10वीं पास करने वाली छात्राओं को रिजल्ट में करेक्शन कराना पड़ेगा। इस वर्ष प्रदेशभर में चारों क्षेत्रीय कार्यालयों के अंतर्गत 13,41,066 छात्राएं उत्तीर्ण हुई थीं। वर्ष 2017 में भी करीब 13 लाख छात्राएं 10वीं में सफल हुई। 2016 में दसवीं करने वाली छात्राओं ने वर्ष 2018 में 12वीं उत्तीर्ण की, जबकि वर्ष 2017 की बालिकाएं वर्ष 2019 में 12वीं की परीक्षा देंगी। इस तरह करीब 26 लाख छात्राओं के 10वीं व 12वीं की मार्कशीट में नाम अलग-अलग हो गए।
मेरठ में साढ़े चार लाख से अधिक
अकेले मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय के अंतर्गत 17 जिलों में 4,62,695 छात्राएं 10वीं में उत्तीर्ण हैं जिनके रिजल्ट में कुमारी लिखा है। 2016 में 2,51,159 और 2017 में 2,11,536 छात्राएं 10वीं में उत्तीर्ण हुई थीं। मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय में तीन सौ से अधिक स्वीकृत पदों के सापेक्ष अब महज 70 लोग हैं जिन पर करेक्शन का अत्याधिक बोझ पड़ेगा।
छात्राएं व परिजन होंगे परेशान
रघुनाथ गर्ल्स इंटर कालेज की प्रधानाचार्य रजनी रानी शंखधर के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ी से छात्राओं व परिजनों को परेशान होना पड़ेगा। खालसा कन्या इंटर कालेज की प्रधानाचार्य डा. मनु भारद्वाज का कहना है कि एक-एक करेक्शन के बजाय परिषद को दोनों साल की सभी छात्राओं को नया रिजल्ट जारी करना चाहिए। मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय में क्षेत्रीय सचिव राणा सहस्त्रांशु कुमार 'सुमन' ने बताया कि करेक्शन के आवेदन आने लगे हैं। स्कूल प्रिंसिपल भी शिकायत कर रही हैं। किसी भी दूसरे बोर्ड के रिजल्ट में कुमारी नहीं लिखा होता है। रिजल्ट में एकरूपता लाने के लिए ही परिषद ने यह निर्णय किया है। अब पीछे के रिजल्ट में सुधार कर पुन: जारी करने का प्रस्ताव हमने भेज दिया है। जो भी निर्णय होगा, कार्यवाही की जाएगी।