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आचार्य निशंक भूषण महाराज का समाधिमरण

हस्तिनापुर स्थित दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में आचार्य निशंक भूषण महाराज का समाधिमरण हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 11:45 PM (IST)
आचार्य निशंक भूषण महाराज का समाधिमरण

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर स्थित दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में आचार्य निशंक भूषण महाराज का समाधिमरण हो गया। कई आचार्यो व मुनियों की उपस्थिति में निशियां जी पर उनकी समाधि मरण की क्रियाएं की गई।

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आचार्य निशंक भूषण महाराज ने शनिवार की रात्रि सवा नौ बजे अंतिम सांस ली और समाधि में लीन हो गए। आचार्य भारत भूषण, संयम सागर महाराज, प्रणम्य सागर महाराज, चन्द्र सागर महाराज, भाव भूषण महाराज, भव्य भूषण महाराज, आíयका चंदनामती माता जी एवं आíयका विद्याश्री माताजी के सानिध्य में आचार्य श्री की समाधि मरण की क्रियाएं की गई।

मंदिर के महाप्रबंधक मुकेश कुमार जैन ने बताया कि रविवार की प्रात: श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री की डोली कंधों पर विराजमान की निशियां जी पर पहुंचे। डोली उठाने का सौभाग्य सुशील जैन, पंकज जैन, निखिल जैन, संजीव जैन आदि को प्राप्त हुआ। प्रथम निशियां जी पर आचार्य श्री का समाधिमरण महोत्सव भारी जयकारों के साथ पूर्ण किया गया। समाधिमरण की समस्त मंगल क्रियाएं आशीष जैन व नरेश कांसल द्वारा विधिविधान पूर्वक संपन्न कराई गई। आचार्यश्री के गृहस्थ जीवन के पुत्र अतुल जैन, संजीव जैन, बिजेंद्र जैन आदि श्रद्धालुओं ने अग्नि कुंड बनाकर पूजन कर पुण्य का संचय किया। आचार्य भारत भूषण महाराज ने कहा कि वे मुनि धन्य है जिन्होंने समाधि मरण ग्रहण करके दर्शन, ज्ञान, चरित्र व तप कर आराधना रूपी पताका को फहराया है। इस दौरान महामंत्री मुकेश जैन, राजेंद्र जैन, राजीव जैन, विजय कुमार जैन, सुनील जैन, अभिनव जैन, संजय जैन, सुशील जैन, सौरभ जैन, अखिलेश आदि रहे।

सत्य के बिना अहिसा संभव नहीं : कैलाश पर्वत पर चल रहे 48 दिवसीय भक्तामर विधान पाठ में रविवार को सर्वप्रथम भगवान आदिनाथ का अभिषेक व शांतिधारा की गई।

भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पर स्वर्ण कलश से अभिषेक नवीन जैन, शांतिधारा करने का सौभाग्य नीतेश जैन को प्राप्त हुआ। मंगल आरती का दीपक ऊषा जैन ने प्रज्ज्वलित किया। विधान व पाठ में 111 परिवारों ने भाग लेकर पुण्य का संचय किया। मुनि 08 भाव भूषण महाराज का मंगल प्रवचन भी हुआ। उन्होंने कहा कि सत्य के बिना अहिसा संभव नहीं है।

सांयकाल में भगवान आदिनाथ की मंगल आरती की गई। तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गुरुकुल के छात्रों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में अध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, विधान संयोजक मोतीलाल जैन, महाप्रबंधक मुकेश जैन, मनोज जैन, राजीव जैन, सुभाष, विपिन, प्रेम आदि का सहयोग रहा।


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