आतंक का अंत : कैराना पलायन प्रकरण का गुनहगार था मुकीम काला, पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने उठाया था मुद्दा
इस बात से हर कोई वाकिफ है कि कैराना पलायन प्रकरण दुनियाभर में सुर्खियों में रहा था। इस काले अध्याय की पटकथा मुकीम काला ने ही लिखी थी। इसलिए पूर्व सांसद बाबू हुकुम सिंह ने मुकीम काला को पलायन का असल गुनहगार बताया था। यह मुद्दा चर्चित हो गया था।
शामली, जेएनएन। Mukim Kala Murder कैराना पलायन प्रकरण दुनियाभर में सुर्खियों में रहा था। इस काले अध्याय की पटकथा मुकीम काला ने ही लिखी थी। इसलिए पूर्व सांसद बाबू हुकुम सिंह ने मुकीम काला को पलायन का असल गुनहगार बताया था। रंगदारी नहीं देने पर उसने कैराना के सरिया कारोबारी दो ममेरे-फुफेरे भाइयों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद मुकीम की दहशत से कैराना के 346 परिवार यहां से पलायन कर गए थे। पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने पत्रकार वार्ता कर पलायन का मुद्दा उठाया तो मुकीम पूरे देश की निगाहों में आया। बाबू हुकुम सिंह की लड़ाई के बाद सरकार आगे आई और उसने मुकीम पर शिकंजा कसा।
व्यापारियों से मांगी गई थी रंगदारी
कैराना क्षेत्र के जहानपुरा निवासी मुकीम काला ने वर्ष 2014 में कैराना के पांच व्यापारियों से पांच-पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी। कैराना के प्रतिष्ठित कारोबारी ईश्वर चंद बिल्लू, अंबा सिनेमा वाले, सरिया कारोबारी राजेंद्र कुमार उर्फ राजू, उनके ममेरे भाई शिवकुमार को रंगदारी नहीं देने पर हत्या की धमकी दी। रंगदारी नहीं देने पर मुकीम गिरोह के सदस्य फुरकान ने 14 अगस्त 2014 को विनोद ङ्क्षसघल की हत्या कर दी थी। ठीक दस दिन बाद मुकीम काला ने 24 अगस्त 2014 को दिन-दहाड़े सरिया कारोबारी शिव कुमार और राजेंद्र कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। मुकीम ने दशहत फैलाने के लिए इन दोनों भाइयों की बीच बाजार सीओ कार्यालय के पास हत्या की थी। इन हत्याओं से व्यापारियों में दहशत व्याप्त हो गई और नौ दिनों तक बाजार बंद रहे। दोनों सरिया कारोबारी भाइयों की हत्या के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुकीम की दहशत व्याप्त हो गई। उसने कारोबारियों से जमकर रंगदारी वसूली। इसके बाद या तो व्यापारी इसके सामने झुक गए।
जो नहीं झुके वो कैराना छोड़कर चले गए
30 अप्रैल 2016 को पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने पत्रकार वार्ता कर पलायन का मुद्दा उठाया। उन्होंने ही मुकीम काला के अपराधों का चि_ा खोला। उन्होंने कैराना और कांधला से पलायन करने वाले 346 परिवारों की सूची जारी की थी। यह मुद्दा पूरे देश में छा गया।
राजनीतिक संरक्षण भी मिलता रहा
राजनीतिक लोगों पर मुकीम काला को संरक्षण देने के भी खूब आरोप लगे। पूर्व सांसद हुकुम सिंह की पहल पर इसका पूरा गिरोह सामने आया। इसी के बाद से पुलिस और सरकार की निगाह मुकीम काला पर टेढ़ी हुई। मुकीम ने शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर समेत हरियाणा और दिल्ली में भी बड़ी अपराधिक वारदातें कीं। शामली पुलिस ने इसे अंतर्राज्यीय अपराधी घोषित किया। मुकीम के खिलाफ हत्या, डकैती और रंगदारी के करीब पांच दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। कैराना थाना में उसकी एचएस 22 खुली हुई है।