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प्रकृति वंदन कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण पर बल

हिदू अध्यात्म एवं सेवा संस्थान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तत्वावधान में रविवार को ऑनलाइन प्रकृति वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 10:00 AM (IST)
प्रकृति वंदन कार्यक्रम में  पर्यावरण संरक्षण पर बल
प्रकृति वंदन कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण पर बल

जेएनएन, मेरठ। हिदू अध्यात्म एवं सेवा संस्थान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तत्वावधान में रविवार को ऑनलाइन प्रकृति वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया।

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रविवार सुबह दस बजे ऑनलाइन आयोजित प्रकृति वंदन कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान जीवन शैली प्रकृति के अनुरूप नहीं है। प्रकृति को जीत कर मनुष्य जीना चाहता है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो प्रकृति नहीं रहेगी और न ही हम रहेंगे। अब इसका चिंतन करते हुए मनुष्य को प्रकृति का संरक्षण करना है।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक सुधीर त्यागी ने बताया कि जिला प्रांतीय कार्यक्रम में क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टाक, शंकर आश्रम पर प्रांत प्रचारक धनीराम, केशव भवन पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक राम अवतार, हिदू जागरण मंच के प्रांत संयोजक गोपाल, पर्यावरण गतिविधि जिला मातृशक्ति प्रमुख ममता चौधरी, तरुण कुमार समेत 10 हजार परिवारो ने ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया।

शहर में चार गुना बढ़ी भारतीय खिलौनों की आपूíत

जेएनएन, मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी खिलौना कारोबार खत्म करने की बात कही तो भारतीय कंपनियों का उत्साह बढ़ गया है। मेरठ में ही भारतीय खिलौनों की आपूर्ति करीब चार गुना बढ़ गई है। बच्चों के मन में भारतीय खिलौनों की ललक बढ़ रही है।

वर्तमान में चीन से खिलौने नहीं आ रहे हैं। आबूलेन में 20 वर्ष से खिलौनों की बिक्री कर रहे गुरमीत कथूरिया ने बताया कि पिछले तीन चार माह में भारत में नई नई कंपनियों के खिलौने मार्केट में आ गए हैं। देश में बनी कंपनियों के खिलौनों की आपूíत चार गुना हो गई है। ट्वायज जोन के डॉल हाउसेस 1800 से 5000 रुपये कीमत के हैं। खास बात यह है कि इनमें कोई मैन्युफैक्चरिग डिफेक्ट आने पर कीमत का 10 प्रतिशत काट कर वापसी की भी सुविधा कंपनियां दे रही हैं। खिलौना बनाने वाली आनंद और सेंटी कंपनी की नई रेंज आ रही हैं। यह कार, हेलीकाप्टर, जीप आदि बना रही हैं। एकता कंपनी के गेम, बो एंड एरो की स्थानीय स्तर पर अच्छी डिमांड है।

थोक व्यापारी अक्षय बंसल ने बताया कि खिलौना उद्योग की दृष्टि से आने वाला समय देश के उद्यमियों के लिए अच्छा है। रिलायंस जैसी कंपनियां इसमें आ रही हैं। दामों में भी बहुत अंतर नहीं है। भारतीय कंपनियां पर्यावरण के अनुकूल नॉन टाक्सिक खिलौने बना रही हैं। आने वाले समय में मैन्युफैक्चरिग कास्ट खुद ही कम हो जाएगी। चीनी खिलौनों की खामियां

- चीन से सप्लाई होने वाले 30 प्रतिशत खिलौने बिक्री से पहले खराब हो जाते हैं

-सस्ते मैटीरियल का प्रयोग किया जाता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं

- एक बार खराब तो ठीक होने और रिप्लेस होने का कोई मौका नहीं।


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