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महात्मा गांधी के सिद्धांतों व विचारों को करें आत्मसात

राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार ट्रस्ट की ओर से गांधी जयंती से पूर्व शुक्रवार को टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही दो अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व मेरठ के स्वतंत्रता सेनानी विष्णु शरण दुबलिश की जयंती होने के चलते उन्हें भी याद किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 03:59 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 03:59 AM (IST)
महात्मा गांधी के सिद्धांतों व विचारों को करें आत्मसात
महात्मा गांधी के सिद्धांतों व विचारों को करें आत्मसात

मेरठ, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार ट्रस्ट की ओर से गांधी जयंती से पूर्व शुक्रवार को टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही दो अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व मेरठ के स्वतंत्रता सेनानी विष्णु शरण दुबलिश की जयंती होने के चलते उन्हें भी याद किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की जय-जयकार से हुई। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य संयोजक दिनेश चंद्र जैन व विशिष्ठ अतिथि सरबजीत सिंह कपूर ने शहर में स्वच्छता बनाए रखने का कार्य करने वाले सफाई नायकों संजय कुमार, सुनील कुमार, अमित कुमार, पूनम आदि को सम्मानित किया। सरबजीत सिंह ने कहा कि कोई भी भारतीय देश के स्वाधीनता आदोलन में महात्मा गांधी के अभूतपूर्व योगदान को नहीं भूल सकता। इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ गांधी जी द्वारा किए गए आंदोलनों पर प्रकाश डाला व सिद्धांत-विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के सिद्धांतों व व्यक्तित्व के बारे में भी बताया। मेरठ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विष्णु शरण के संघर्षो की दास्तां का बखान कर सभी महापुरुषों को नमन किया। इस दौरान मुख्य सह संयोजक दीपेंद्र जैन, संयोजक विमल आरोड़ा, प्रेम प्रकाश गुप्ता, महेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।

अध्ययन के केंद्र में गांधी

: महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी को समाज विज्ञान के कई विषयों में रखा गया है, तो दूसरी ओर अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में भी गांधी जी के विचार पढ़ने को मिलते हैं।

एक दिन पहले ही एमए अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी की आत्मकथा को शामिल किया गया है। इससे पहले स्नातक के पाठ्यक्रमों में राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र जैसे विषयों में गांधी को व्यापक संदर्भ में रखा गया है। विश्वविद्यालय में कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहनी का कहना है कि महात्मा गांधी के अध्ययन की विविधता है। कला संकाय के हर विषय में उन पर अध्ययन किया जा सकता है। गांधी जी पर बहुत से शोध कार्य किए जा रहे हैं। आगे भी किए जाएंगे। महात्मा गांधी के विषय में जितनी गहराई से अध्ययन किया जाए, उतनी ही नई जानकारी सामने आती है।


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