चलेंगी इलेक्ट्रिक और सीएनजी सिटी बसें, नहीं बढ़ेगा किराया
मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लि. के बेड़े से जहां दस साल से पुरानी जर्जर बसें बाहर होंगी वहीं 50 इलेक्ट्रिक और 150 सीएनजी बसों को शामिल किया जाएगा।
मेरठ, जेएनएन : मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लि. के बेड़े से जहां दस साल से पुरानी जर्जर बसें बाहर होंगी वहीं 50 इलेक्ट्रिक और 150 सीएनजी बसों को शामिल किया जाएगा। दस साल से ज्यादा पुरानी लेकिन अच्छी हालत वाली बसों के संचालन की एनजीटी से अनुमति मांगी जाएगी। वहीं रोडवेज की सिटी बसों का किराया इस साल नहीं बढ़ेगा। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लि. के बोर्ड की वार्षिक आम सभा में उक्त निर्णय लिये गये।
बेड़े में शामिल होंगी 200 नई बसें
बैठक में निर्णय लिया गया कि सिटी ट्रांसपोर्ट के बेड़े में 50 नई इलेक्ट्रिक बसें तथा 150 सीएनजी बसें शामिल की जाएंगी। इनका अनुमोदन शासन ने दिया है। वर्तमान में 8 एसी तथा 118 नॉन एसी बसें संचालित हैं। एनजीटी के आदेश के मुताबिक इनमें से 70 फीसदी बसें आगामी छह महीने से एक वर्ष के भीतर दस साल की आयु पूरी लेंगी। जिसके चलते उनका संचालन बंद करना होगा। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि जो बसें दस वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हैं। लेकिन, अच्छी हालत में हैं उनके संचालन की अनुमति प्राप्त करने के लिए एनजीटी में आवेदन किया जाये।
नहीं बढ़ेगा किराया
बैठक में निगम का घाटा समाप्त करने के लिए बसों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे अधिकारियों ने सर्वसम्मति से खारिज करते हुए किराया न बढ़ाने का फैसला लिया।
लोहियानगर में बनेगा सीएनजी बसों का डिपो
बैठक में तय किया गया कि सिटी ट्रांसपोर्ट की सीएनजी बसों के लिए लोहियानगर में पीपीपी मॉडल पर डिपो और कार्यशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है। कमिश्नर ने इस जमीन पर जल्द से जल्द कब्जा देने का निर्देश एमडीए अफसरों को दिया। बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के डिपो के लिए वहीं पर चार एकड़ भूमि चिन्हित करने का निर्देश भी दिया।
इंटेलीजेंस डिलीवरी सिस्टम डेवलप करें
कमिश्नर ने कहा कि मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट इंटेलीजेंस डिलीवरी सिस्टम विकसित करके बसों का संचालन करे। ताकि आम जनता को सुविधा मिले। बसों का संचालन और रुट जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर किया जाए। बसें ओवरलोड होकर किसी भी दशा में न चलें तथा गति सीमा का भी पालन करें। इसे सुनिश्चित कराने के लिए रोडवेज के चलो एप का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये।
इस साल भी 231.21 लाख का घाटा
प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी एमसीटीसीएल घाटे में रहा। एमडी विजय कुमार द्वारा बोर्ड के सामने प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में कारपोरेशन की आय 925.13 लाख रही जो कि वर्ष 2017-18 से 12.93 लाख रुपये बढ़ी। लेकिन, इसके बावजूद कारपोरेशन इस वर्ष 231.21 लाख के घाटे में रहा। बैठक में बताया गया कि सिटी बसों का बीमा कराया गया है। बसों के रखरखाव व मरम्मत के लिए वार्षिक अनुबंध भी किया गया है। कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यों की समिति गठित की। यह समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी। समिति में अपर आयुक्त वित्त, आरटीओ तथा एमडी एमसीटीसीएल को सदस्य बनाया गया है। बैठक में एमडी ने बताया कि प्रदेश के छह शहरों में सिटी बसें संचालित हैं। जिनमें से मेरठ की कंपनी सबसे कम घाटे में है। डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी, अपर आयुक्त वित्त अंजु संत, एमडीए उपाध्यक्ष राजेश पांडेय, आरटीओ डा. विजय कुमार, कार्यवाहक नगर आयुक्त मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार शर्मा मौजूद रहे।