स्वाइन फ्लू का बिगड़ा तेवर, आठ नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप Meerut News
इस वर्ष आठ मरीजों में एच1एन1 की पुष्टि होने के बाद सीएमओ ने विभागीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। वर्ष 2020 में मरीजों की संख्या 30 तक पहुंच चुकी है।
मेरठ, जेएनएन। मौसम का बदलाव कहें या वायरस का बदला तेवर। स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी की लैब में गुरुवार को जांच कराने वालों की भीड़ नजर आई। आठ मरीजों में एच1एन1 की पुष्टि होने के बाद सीएमओ ने विभागीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। वर्ष 2020 में मरीजों की संख्या 30 तक पहुंच चुकी है। दो की मौत भी हुई है।
वायरस को संक्रमित
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि वायरस को संक्रमित होने के लिए अनुकूल तापमान है, इसीलिए मरीजों की संख्या बढ़ी है। डा. गर्ग ने कहा कि ये साधारण एन्फ्लुएंजा वायरस की तरह है, जिससे डरने की जरूरत नहीं, किंतु सावधान जरूर रहना होगा। समय पर जांच और दवा लेने से बीमारी ठीक हो जाती है।
सर्विलांस टीम सक्रिय
सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में आठ नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हलचल बढ़ गई। सभी आठ मरीजों के घर तक विभाग की सर्विलांस टीम पहुंच चुकी है। परिजनों को टेमीफ्लू दिया गया है। ड्रग स्टोर इंचार्ज डा. प्रेम सिंह ने बताया कि मेरठ के पास 25 हजार से ज्यादा टेमीफ्लू का कैप्सूल उपलब्ध है।
ऐसे करें बचाव
- हाथ कई बार धोएं। हाथ को बार-बार मुंह व नाक के पास न ले जाएं। खानपान ठीक रखें। हाईप्रोटीन खानपान सोयाबीन, पनीर, दूध, मीट, मछली खाएं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। अस्पतालों में बेवजह न जाएं।भीड़भाड़ वाले इलाकों से भी बचना चाहिए। छींकने एवं खांसने वालों से दूर रहें।
- लगातार खांसी के साथ सांस भी फूले तो विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
- आंखों के आगे अंधेरा, पेट में दर्द, उल्टी, बीपी गिरने एवं सांस में तकलीफ खतरनाक लक्षण हैं। तत्काल डाक्टर से संपर्क करें।
- तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, अदरक व गिलोय का काढ़ा बनाकर पीएं। ये प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी।
- गले में दर्द, खराश व कफ होने पर नमक और गुनगुने पानी का गरारा काफी असरकारक है। यह गले में वायरस की संख्या कम कर निमोनिया का खतरा कम करता है।