10वीं की आसान शुरुआत, 12वीं में कठिन रहे कुछ प्रश्न
सीबीएसई 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा मंगलवार को संपन्न हुई और 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा विज्ञान के पेपर के साथ शुरू हुई।
मेरठ,जेएनएन। सीबीएसई 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा मंगलवार को संपन्न हुई और 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा विज्ञान के पेपर के साथ शुरू हुई। शहर के सात परीक्षा केंद्रों पर आयोजित सीबीएसई की कंपार्टमेंट परीक्षा में विभिन्न विषयों की परीक्षा में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। 12वीं के छात्रों ने जहां पेपर के कुछ प्रश्नों को थोड़ा कठिन व घुमावदार बताया वहीं सीबीएसई 10वीं के छात्रों ने विज्ञान के पेपर को बेहद आसान और बोर्ड परीक्षा से भी आसान बताया। छात्रों ने पेपर को सिलेबस के अंतर्गत बताया जिससे उन्हें प्रश्नों को हल करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
12वीं के सभी विषयों की परीक्षा मंगलवार को ही हो गई। जबकि 10वीं की परीक्षा शुरू हुई है। 10वीं का पहला पेपर विज्ञान का था। 10वीं की परीक्षा 10 जुलाई को समाप्त होगी। अब बुधवार तीन जुलाई को हिदुस्तानी म्यूजिक और इंग्लिश, पांच जुलाई को मैथमैटिक्स, छह जुलाई को होम साइंस व संस्कृत, नौ जुलाई को हिदी और 10 जुलाई को सोशल साइंस की परीक्षा होगी। परीक्षा के लिए तीनों केंद्रीय विद्यालयों के साथ ही दीवान पब्लिक स्कूल, दयावती मोदी एकेडमी, केएल इंटरनेशनल स्कूल और गॉडविन स्कूल को केंद्र बनाया गया है।
कुछ प्रश्नों ने किया परेशान
12वीं के सभी विषयों की परीक्षा एक ही दिन थी। कुछ विषयों के कुछ प्रश्नों ने छात्रों को परेशान किया। मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल की पीजीटी कॉमर्स अंजू शर्मा के अनुसार व्यवसायिक अध्ययन के पेपर में खंड-ब के कुछ प्रश्नों को घुमाकर पूछा गया था, जिसके कारण परीक्षार्थियों को दिक्कत हुई। खंड-स के कुछ प्रश्न कठिन थे। केस स्टडी की भाषा सरल थी। प्रश्नों में विकल्प होने से छात्रों के लिए पेपर ओवरऑल आसान रहा। रसायन विज्ञान शिक्षिका श्रुति के अनुसार पेपर में कार्बनिक व अकार्बनिक रसायन से अधिक प्रश्न पूछे गए थे। प्रश्नपत्र के सभी खंड आसान थे और एनसीईआरटी सिलेबस पर ही आधारित थे।
10वीं में नहीं हुई परेशानी
10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा में पहला पेपर विज्ञान का हुआ। विज्ञान शिक्षिका पारुल पाठक के अनुसार पेपर औसत रहा और सब कुछ सिलेबस के भीतर से ही पूछा गया था। मुख्य परीक्षा के पेपर से भी कंपार्टमेंट का पेपर आसान था। छात्रों के ज्ञान को परखने के लिए कुछ प्रश्न घुमाकर पूछे गए थे। यदि छात्रों को विषय का थोड़ा भी ज्ञान होगा तो उन्होंने आसानी से प्रश्नों के उत्तर लिख दिए होंगे।