कोरोना काल में मानसून भी रूठा अपने शहर से, इतने फीसदी रही कम जानिए क्या कारण रहा Meerut News
यह भी चौंकाने वाले तथ्य हैं। कोरोना काल में बारिश भी मेरठ से रूठी हुई है। मेरठ में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 111 मिलीमीटर कम बारिश हुई है।
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। कोरोना काल में बारिश भी मेरठ से रूठी हुई है। मेरठ में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 111 मिलीमीटर कम बारिश हुई है। तीन वर्षों में बारिश अपने न्यूनतम स्तर पर है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सितंबर में भी बहुत अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार अब तक 560 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। जनपद लगातार मानसून की बेरुखी का सामना कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में 2014 और 2017 के बाद 2020 में तीसरा मौका है जब एक जून से 31 अगस्त तक इतनी कम बारिश दर्ज की गई है।
पश्चिम की तुलना में पूरब में अच्छी बारिश
मानसून का प्रभाव पूर्व में अच्छा रहा है। वहां सामान्य से दो प्रतिशत अधिक बारिश है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में यह नौ प्रतिशत कम है। सबसे खराब स्थिति गौतमबुद्ध नगर की है। यहां सामान्य की तुलना में केवल 15 प्रतिशत बारिश हुई है। मेरठ में भी अभी तक बारिश सामान्य की तुलना में 36 प्रतिशत कम है। गाजियाबाद 59 और बुलंदशहर में 55 प्रतिशत कम बारिश हुई है। दिल्ली में स्थिति ठीक है। यहां पर सामान्य की तुलना में 89 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।
यह है कारण
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने कहा कि मानसून ट्रफ की दिशा इस बार दक्षिण की ओर शिफ्ट रही है। इससे गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर में अच्छी बारिश नहीं हो पाई। तराई क्षेत्र सहारनपुर और बिजनौर में बारिश ठीक ठाक हुई है।
सितंबर में बारिश का ट्रेंड
पिछले कुछ वर्षों में बारिश का ट्रेंड बदला है। 30 वर्षों में जून, जुलाई और अगस्त में बारिश में कमी आई है। सितंबर में बारिश का औसत बढ़ा है। पहले सितंबर में 95 मिलीमीटर बारिश का औसत था जो बढ़कर अब 136 मिलीमीटर हो गया है। ऐसे में देखना है कि इस बार सितंबर में मानसून का क्या रुख रहता है। कृषि प्रणाली संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. एम शमीम ने बताया कि मानसून के दीर्घकालिक औसत में बदलाव आया है। चार से पांच सितंबर के बीच मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। मक्का और सब्जियों की फसल में जलनिकासी का उचित प्रबंध करना चाहिए। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि इस बार बारिश औसत से कम रहेगी। सितंबर में भी बहुत अच्छी बारिश की संभावना नहीं है।
1 जून से 31 अगस्त के बीच हुई बारिश
वर्ष बारिश
2011 565
2012 467
2013 675
2014 350
2015 508
2016 537
2017 399
2018 766
2019 561
2020 450
नोट : बारिश मिलीमीटर में है। आंकड़े मौसम विभाग से लिए गए हैं
उत्तर पश्चिम भारत के जिलों में बारिश का हाल
स्थान कमी और बढ़ोतरी प्रतिशत में
पूर्वी उत्तर प्रदेश 2
पश्चिम उत्तर प्रदेश - 9
दिल्ली - 11
गाजियाबाद - 59
मेरठ - 36
बागपत - 36
बिजनौर 10
सहारनपुर 6
बुलंदशहर - 55
गौतम बुद्ध नगर - 85
मुजफ्फरनगर - 8
नोट: - चिह्न सामान्य से कम बारिश को दर्शाता है।