बुलंदशहर में डा. प्रवीण राणा के बीजों से निकल रहे उन्नति के अंकुर, जानिए क्या है मामला
बुलंदशहर के कस्बा नरसेना निवासी डा. प्रवीण कुमार राणा ने प्लांट ब्रीडिंग में एमफिल व पीएचडी की है।। उन्होंने नौकरी छोड़कर 2013 में बीज उत्पादन व प्रोसेंसिंग की यूनिट तैयार की थी। इसके बाद उन्होंने किसानों को जैविक खेती की ओर ले जाने की योजना तैयार की।
बुलंदशहर, अमर सिंह राघव। नरसेना गांव निवासी कृषि विशेषज्ञ डा. प्रवीण कुमार राणा ने निजी कंपनी की नौकरी छोड़कर खुद का बीज व जैविक दवा कारोबार खड़ा कर दिया। प्रवीण ऑर्गेनिक बीज व दवाओं से किसान अब जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित कस्बा नरसेना निवासी डा. प्रवीण कुमार राणा ने प्लांट ब्रीडिंग में एमफिल व पीएचडी की है।। कृषि वैज्ञानिक डा. प्रवीन कुमार राणा ने नौकरी छोड़ कर 2013 में बीज उत्पादन व प्रोसेंसिंग की यूनिट तैयार की थी। इसके बाद उन्होंने किसानों को जैविक खेती की ओर ले जाने की योजना तैयार की। 2014 में उन्होंने गौमूत्र व जड़ी- बूटियों से दो जैविक दवा तैयार की थी। गेहूं, मक्का, धान समेत अन्य जैविक बीज तैयार कर रहे हैं। किसान अब आग्रेनिक बीजों के साथ ही जैविक दवाओं का प्रयोग कर जैविक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। जिससे फसल उत्पादन बढऩे से किसानों को लाभ मिल रहा है।
खेत में नहीं घुसेंगी नील गाय
प्रवीन का दावा है कि गौमूत्र व जड़ी- बूटियों से तैयार दोनों दवाओं का प्रयोग करने से खेत में नीलगाय भी नुकसान नहीं करेंगी। दवा में ऐसी जड़ी-बूटी है जिसकी खुशबू खेत से आने पर नील खेत में नहीं घुस पाएंगी। जिससे फसल की बर्बादी पर रोक लगेगी।
किसान अब नहीं छोड़ेंगे गौवंश
दवा तैयार करने के लिए किसानों से 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब गौमूत्र की खरीददारी कर रहे हैं। जिससे किसान अब गाय के दूध के साथ गौमूत्र की बिक्री कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। जिससे किसान अब गौवंश नहीं छोड़ेंगे। गौमूत्र से बन रहीं जैविक दवा
कृषि विशेषज्ञ प्रवीन कुमार ने गौमूत्र व जड़ी- बूटियों के शोध से चार फार्मूले तैयार किए हैं। अब दो जैविक दवा से रसायन से छुटकारा मिलने के साथ ही जैविक खाद, कीटनाशक व फफूंदी का नाश करने के साथ मिट्टी की उर्वर क्षमता बढ़ाएगी।