मेरठ: पालीथिन में बांधकर कुत्ते को मार डाला, जिम मैनेजर पर मुकदमा, पोस्टमार्टम के बाद दफनाया शव
मेरठ सड़क पर घूमने वाले कुत्ते को जिम मैनेजर ने पालीथिन में बांधकर नाले के किनारे फेंक दिया। नौचंदी थाना क्षेत्र का मामला महिलाकर्मी व चपरासी पर भी रिपोर्ट। पोस्टमार्टम कराने के बाद कुत्ते के शव को दबवा दिया जांच जारी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सड़क पर घूमने वाले कुत्ते को जिम मैनेजर ने पालीथिन में बांधकर नाले के किनारे फेंक दिया। सूचना पर फार पीपल फार एनिमल के सदस्य पहुंचे और कुत्ते को पशु चिकित्सक को दिखाया। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। तहरीर पर जिम मैनेजर समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है।
यह है मामला
नौचंदी थाना क्षेत्र के गढ़ रोड जनता नगर के पास टाइटन जिम है, जिसमें मैनेजर संजीव महाजन, महिलाकर्मी शिवानी और चपरासी मोनू हैं। संस्था से जुड़े अभिषेक गौतम ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे उनको सूचना मिली कि एक कुत्ते को पालीथिन में बांधकर नाले के किनारे फेंक दिया है। वह कुछ ही देर में पहुंच गए और बेगमबाग स्थित पशु चिकित्सक डा. परवेज के क्लीनिक पर कुत्ते को ले गए। उन्होंने बताया कि दम घुटने से कुत्ते की मौत हो गई। उसकी उम्र करीब 11 वर्ष थी। पूरी रिकार्डिंग उनके पास है। इसके बाद उन्होंने नौचंदी थाने में तहरीर दी। थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मैनेजर, महिलाकर्मी और चरपासी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम कराने के बाद कुत्ते के शव को दफना दिया गया। मामले की जांच चल रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
बिना डाक्टर चलता मिला अस्पताल, लाइसेंस निरस्त
मेरठ: यूरोलोजिस्ट डा. शरतचंद और डा. विश्वजीत बैंबी के नाम पर फर्जी तरीके से इलाज करने का मामला सुलझा भी नहीं था कि लावड़ में एक और अस्पताल पकड़ में आ गया। यहां कई डाक्टरों के नाम बोर्ड में लिखे हुए थे, जबकि मौके की पड़ताल में वहां कोई नहीं मिला। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने लावड़ के समसपुर मार्ग स्थित चेस्ट एवं केजीएम अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया। लावड़ नगर के समसपुर मार्ग पर पिछले लगभग आठ माह से चेस्ट एवं केजीएम हॉस्पिटल के नाम से अस्पताल का संचालन जावेद व राजा चौधरी कर रहे है। जिसमें कई चिकित्सकों नाम लिखे हुए थे। जांच में पता चला कि पैरामेडिकल स्टाफ एवं डाक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग की ने अस्पताल के पुराने रिकार्ड को भी चेक किया, जिसमें कई अनियमितताएं मिलीं। सीएमओ ने शनिवार को कारवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।