खिचड़ी इलाज के विरोध में 11 को क्लीनिक बंद रखेंगे डाक्टर
केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सक को भी प्रशिक्षण के बाद आपरेशन की इजाजत दी है जिसके विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में विरोध जताया है।
मेरठ, जेएनएन। केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सक को भी प्रशिक्षण के बाद आपरेशन की इजाजत दी है, जिसके विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में विरोध जताया है। मेरठ चैप्टर के अध्यक्ष डा. अनिल कपूर ने आइएमए हाल प्रेस वार्ता कर कहा कि खिचड़ी इलाज व्यवस्था से न सिर्फ चिकित्सा की गुणवत्ता गिरेगी, बल्कि मरीजों में भ्रम की स्थिति खड़ी हो जाएगी। डा. कपूर ने कहा कि एक सर्जन बनाने में सरकार दस साल लगा देती है, वहीं अब हल्के प्रशिक्षण से आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जन बनाने का खतरनाक प्रयास हो रहा है। डा. कपूर ने साफ किया कि आइएमए किसी पैथी के खिलाफ नहीं है, लेकिन हर पैथी को शोध और प्रमाण के साथ ही आगे बढ़ाना चाहिए। दावा किया कि भारत में निरोगी जीवन देने में मार्डन चिकित्सा पद्धति ने बड़ा योगदान किया है। कोरोना वैक्सीन विकसित करने में भी माडर्न साइंस ने सफलता प्राप्त की है। आइएमए आठ दिसंबर को देशभर में दो घटे का साकेतिक प्रदर्शन करेगी। 11 दिसंबर को नान कोविड चिकित्सा बंद रखी जाएगी। प्रेस वार्ता में डा. प्रदीप बंसल, सचिव डा. मनीषा त्यागी, डा. उमंग अरोड़ा व अन्य शामिल रहे।
192 नए मरीज मिले, एक की मौत
कोरोना संक्रमण लगातार बना हुआ है। शुक्रवार को 6385 सैंपल की जाच की गई, जिसमें 192 में वायरस की पुष्टि की गई। एक मरीज की मौत हुई है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि 175 मरीज ठीक होकर घर गए। अब तक 15,957 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। 22 सौ से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। 1022 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। उधर, मेडिकल कालेज में सप्ताह भर में मरीजों की संख्या कम हो गई है। सवा सौ से अब करीब 80 मरीज रह गए हैं।