काली पट्टी बांधकर डाक्टरों ने की ओपीडी, सांसद को दिया ज्ञापन
नेशनल मेडिकल बिल-2017 को लेकर चिकित्सकों का तेवर एक बार फिर नजर आया।
मेरठ । नेशनल मेडिकल बिल-2017 को लेकर चिकित्सकों का तेवर एक बार फिर नजर आया। उन्होंने एनएमसी के साथ ही आइएमसी एमेंडमेंट बिल 2018, कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2018 के विरोध में शुक्रवार को काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी एवं बैंड पहनकर ओपीडी की। मानव संसाधन राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह व सांसद राजेंद्र अग्रवाल के जरिए केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर विरोध दर्ज कराया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मेरठ चैप्टर के अध्यक्ष डा. शिशिर जैन ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार को चिकित्सकों ने विरोध दर्ज कराया। ओपीडी एवं इमरजेंसी में मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दी गई। डाक्टरों की दो टीमों ने अलग-अलग पहुंचकर बागपत सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डा. सत्यपाल सिंह और मेरठ-हापुड़ सांसद राजेंद्र अग्रवाल से संपर्क किया। डा. जेवी चिकारा, डा. आशीष जैन व डा. सुमित उपाध्याय ने डा. सत्यपाल को ज्ञापन दिया। उधर, सांसद राजेंद्र अग्रवाल निवास पर नहीं थे, ऐसे में अध्यक्ष डा. शिशिर जैन, डा. सुशील गुप्ता, व डा. संदीप जैन ने ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल को दिया। आइएमए के मीडिया प्रमुख डा. उमंग अरोड़ा ने कहा कि एनएमसी बिल पूरी तरह अलोकतांत्रिक एवं गरीब विरोधी है। कहा कि सीपीए में जिला कमीशन में मुआवजा दस लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। नेशनल कमीशन में दस करोड़ से भी ज्यादा किया जा चुका है। डाक्टरों ने केंद्रीय मंत्री डा. सत्यपाल सिंह को बताया कि इस कदम से क्लीनिक एवं छोटे अस्पताल चलाना बेहद कठिन हो जाएगा। डाक्टरों की फीस और अस्पतालों का खर्च बेतहाशा बढ़ेगा। यह गरीबों की पहुंच से बाहर होगा, और इस बहाने कारपोरेट का सेक्टर चिकित्सा सेवा में एकाधिकार बनेगा।