क्या आपको पता है, आपके जूते में भी पल रहा है Dengue का लार्वा Meerut News
जिला अस्पताल में गत दिनों एक नौ साल की बच्ची में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। पड़ताल में पता चला कि आंगन की दीवार के ऊपर रखे प्लास्टिक के जूते में लार्वा है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 04:22 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 04:22 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। शर्माजी ने मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए घर में रखा गमला, कूलर, कबाड़ व आसपास खुले टायरों की सफाई करा दी। एंटी लार्वा दवा का भी छिड़काव कराया। किंतु फ्रिज के पीछे रिसते पानी और घर में उलटी पड़ी प्लास्टिक की कुर्सी में लार्वा मिला। जिला मलेरिया विभाग की टीम ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। उधर, जिला अस्पताल में शनिवार को एक और मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई। मलेरिया बुखार से मरीजों के अंग फेल हो रहे हैं।
सिर्फ 30 मिली पानी में भी लार्वा
जिला अस्पताल में गत दिनों एक नौ साल की बच्ची में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। पड़ताल में पता चला कि आंगन की दीवार के ऊपर रखे प्लास्टिक के जूते में लार्वा है। इसी वजह से बच्ची बीमार हुई। कांशीराम कालोनी में जांच टीम ने घर में उलटी पड़ी कुर्सी में लार्वा पकड़ा। एक डाक्टर के क्लीनिक में दीवार पर रखे मग्घे में लार्वा पालता मिला। सिविल लाइंस एरिया में चारों तरफ पूरी तरह बंद घर में भी मरीज मिले। एसी से टपकने वाला पानी एक पात्र में स्टोर किया जा रहा था, जिसमें लार्वा की डेंसिटी ज्यादा मिली।
150 स्थानों पर मिल चुका है लार्वा
मलेरिया विभाग को अब तक 150 स्थानों पर लार्वा मिला है। विभाग ने बताया कि डेंगू के मच्छर दिन में और शाम सात बजे तक काटते हैं। मलेरिया के मच्छर रात में संक्रमण फैलाते हैं। जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज की रिपोर्ट बताती है कि मच्छर जनित बीमारियों का लोड ज्यादा है। वाईवैक्स मलेरिया के मरीज ज्यादा हैं, जबकि पेल्सीफेरम नहीं मिला है। डेंगू के अब तक दर्जनभर मरीज मिल चुके हैं। मलेरिया में जहां ठंड के साथ बुखार आता है, वहीं डेंगू में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते पड़ना, मूर्छा और कई बार शाक सिंड्रोम का भी रिस्क है।
इन्होंने बताया
जरूरी नहीं कि लार्वा कूलर, गाड़ियों के टायर और गमलों में ही मिले। सिर्फ 30 मिली पानी में ये अंडा दे देता है। मेरठ में लार्वा जूतों, फ्रिज के पीछे और एसी के रिसते पानी में मिल रहा है। 150 कंटेनरों में लार्वा मिल चुका है।
- सत्यप्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी
सिर्फ 30 मिली पानी में भी लार्वा
जिला अस्पताल में गत दिनों एक नौ साल की बच्ची में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। पड़ताल में पता चला कि आंगन की दीवार के ऊपर रखे प्लास्टिक के जूते में लार्वा है। इसी वजह से बच्ची बीमार हुई। कांशीराम कालोनी में जांच टीम ने घर में उलटी पड़ी कुर्सी में लार्वा पकड़ा। एक डाक्टर के क्लीनिक में दीवार पर रखे मग्घे में लार्वा पालता मिला। सिविल लाइंस एरिया में चारों तरफ पूरी तरह बंद घर में भी मरीज मिले। एसी से टपकने वाला पानी एक पात्र में स्टोर किया जा रहा था, जिसमें लार्वा की डेंसिटी ज्यादा मिली।
150 स्थानों पर मिल चुका है लार्वा
मलेरिया विभाग को अब तक 150 स्थानों पर लार्वा मिला है। विभाग ने बताया कि डेंगू के मच्छर दिन में और शाम सात बजे तक काटते हैं। मलेरिया के मच्छर रात में संक्रमण फैलाते हैं। जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज की रिपोर्ट बताती है कि मच्छर जनित बीमारियों का लोड ज्यादा है। वाईवैक्स मलेरिया के मरीज ज्यादा हैं, जबकि पेल्सीफेरम नहीं मिला है। डेंगू के अब तक दर्जनभर मरीज मिल चुके हैं। मलेरिया में जहां ठंड के साथ बुखार आता है, वहीं डेंगू में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते पड़ना, मूर्छा और कई बार शाक सिंड्रोम का भी रिस्क है।
इन्होंने बताया
जरूरी नहीं कि लार्वा कूलर, गाड़ियों के टायर और गमलों में ही मिले। सिर्फ 30 मिली पानी में ये अंडा दे देता है। मेरठ में लार्वा जूतों, फ्रिज के पीछे और एसी के रिसते पानी में मिल रहा है। 150 कंटेनरों में लार्वा मिल चुका है।
- सत्यप्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी
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