इन उपायों को करेंगे तो घर में नहीं पहुंचेगा प्रदूषण
बाहर तो हम प्रदूषण से जूझते ही हैं, लेकिन घर में इससे कैसे बचा जाए। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषित कणों को घर में आने से रोकने में हवन भी कारगर है।
मेरठ (जेएनएन)। प्रदूषण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है, लेकिन प्रश्न यह है कि आखिर घर के अंदर के हिस्से को कैसे प्रदूषण मुक्त रखा जाए। भारतीय कृषि प्रणाली संस्थान के वैज्ञानिक डा. एम शमीम ने बताया कि वायु में मिश्रित पीएम 10 को रोका जा सकता है, लेकिन पीएम 2.5 को रोकना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि कुछ मैकेनिकल उपाय कर एयर शेल्टर किया जा सकता है, जहां यह बारीक कण बैठ जाते हैं।
- वायु के प्रवेश मार्ग जैसे खिड़कियों और दरवाजों पर महीन छिद्र वाली जालियां लगाएं।
- पर्दों का प्रयोग करें।
- सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग करें।
- घर के अंदर की हवा को समय-समय पर एग्जास्ट फैन चलाकर बाहर निकालें।
- अगर संभव हो तो एसी में एयर प्यूरीफायर मोड होता है, उसे आन करना चाहिए।
- अगरबत्ती और धूप का प्रयोग कम करें।
इनडोर पौधों के साथ यह रखें सावधानी
- प्रदूषण सोखने के लिए जिन पौधों को हम घर में लगाते हैं, उन्हें शयन कक्ष से दूर रखें। चूंकि एक सीमा के बाद यह पौधे सिर्फ कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जित करते हैं।
- सानसीविएरिया, मनी प्लांट, पीस लिली, बैंबू पाम, बोस्टन फर्न, ड्रैगन ट्री, डेनड्रोडियम अर्चिड आदि पौधे लगाए जा सकते हैं।
औषधीय सामग्री युक्त हवन उपयोगी
डा. अनिल कुमार ने बताया कि यज्ञ से (विशेष सामग्री) छह हजार घनफुट का वायुमंडल प्रदूषण रहित हो जाता है। इसके लिए छह इंच साइज के हवन पात्र को घर के ऐसे खुले स्थान पर रखकर यज्ञ करना चाहिए, जहां से हवा का प्रवाह होता हो। समिधा में आम की लकड़ियों का छिलका निकाल लेना चाहिए, चूंकि उसके जलने से कार्बन ज्यादा उत्सर्जित होता है। सामग्री के रूप में 25 से 50 ग्राम देशी गाय का घी, 10 ग्राम गूगल, 20 ग्राम लोबान, पांच ग्राम अगर, 10 ग्राम चंदन का बूरा को अच्छी गुणवत्ता की 50 ग्राम हवन सामग्री में मिश्रित कर यज्ञ करना चाहिए।
प्रदूषित हवा देती है दिल की बीमारी
वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में 60 फीसद दिल की बीमारी से होती हैं। पीएम-2.5 के बेहद सूक्ष्म कण फेफड़ों के रास्ते हार्ट की धमनियों तक पहुंचकर अटैक का कारण बनते हैं। प्रदूषण से रक्तचाप भी बढ़ता है, जो हार्ट की बीमारी का बड़ा रिस्क फैक्टर है।
-डा. ऋचा अग्रवाल, डीएम कार्डियोलॉजी, केएमसी
हवाओं की तेजी ने रात में बढ़ाई सर्दी
मौसम में आए का असर रविवार को भी देखने को मिला। दिन में मौसम साफ रहा लेकिन शाम होते ही ठंड बढ़ गई। अधिकतम तापमान तीस डिग्री से कम रहा। उत्तर पूर्वी हवाओं के झोंकों से शनिवार की रात से ही प्रदूषण की धुंध छटनी शुरू हो गई थी जिससे रविवार को प्रदूषण से आंशिक रूप से राहत मिली। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवाओं की चाल में वृद्धि हुई है और तापमान गिरा है।
पश्चिमी विक्षोभ है कारण
न्यूनतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस रहा जोकि समान्य से एक डिग्री कम है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार को भी कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश और बर्फ बारी के आसार हैं। यानि इस बार दीवाली पर मौसम सर्द बना रह सकता है। गौरतलब है कि शनिवार को पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश और हिमपात हुआ है जिससे मेरठ में मौसम में बदलाव आया है। कृषि विवि के डा. यूपी शाही ने बताया कि मेरठ में पछुआ हवाओं का प्रभाव सोमवार को भी रहेगा लेकिन तीव्रता में कमी रहेगी। एक बार फिर से मेरठ तथा आसपास के इलाके में सुबह और शाम के समय कोहरा और धुंध छाने के आसार हैं।