मेरठ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद : बसपा ने कहा-मिला है धोखा सपा प्रत्याशी को नहीं देंगे वोट
बसपा के मंडल कोर्डिनेटर सतपाल पेपला का कहना है कि बसपा के सभी सदस्य शुरू से ही हर बैठक में जाते थे। लेकिन सपा ने छुरा घोंपा। बसपा ने जिसे अपनी तरफ से प्रत्याशी के लिए चयनित किया था उसे ही सपा ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में जिला पंचायत में विपक्ष की तरफ अब जो रार मची है उससे विपक्षी एकजुटता ढह गई है। इससे सत्ताधारी भाजपा के प्रत्याशी की राह आसान हो जाएगी। बसपा ने घोषणा की है कि वह सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देगी। स्पष्ट किया है कि बसपा पहले से ही कह रही है कि विपक्ष की सभी पार्टियां एकजुट होकर संयुक्त प्रत्याशी उतारें। लेकिन सपा ने धोखा दिया।
खुलकर सामने आए सपा
बसपा के मंडल कोर्डिनेटर सतपाल पेपला का कहना है कि बसपा के सभी सदस्य शुरू से ही हर बैठक में जाते थे। लेकिन सपा ने छुरा घोंपा। बसपा ने जिसे अपनी तरफ से प्रत्याशी के लिए चयनित किया था उसे ही सपा ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। साथ ही उसे संयुक्त विपक्ष का प्रत्याशी बताने के बजाय सपा का प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने कहा कि अब इस स्थिति में बसपा क्यों सपा के प्रत्याशी को वोट देगी। बसपा अपने सदस्यों को स्वतंत्र करेगी। सतपाल पेपला का कहना है कि यदि सपा साथ चाहती है तो खुलकर सामने आए और लिखित रूप में संयुक्त प्रत्याशी के नाम से सलोनी का नाम घोषित करे।
विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी
इस संबंध में सपा नेता अतुल प्रधान ने कहा कि सलोनी विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी हैं। भाजपा की सरकार हर तरह से चुनाव प्रभावित करना चाह रही है। इसलिए बसपा को साथ रहना चाहिए। जिलाध्यक्ष सपा राजपाल सिंह ने कहा कि सलोनी के पति अनुज ने खुद ही आवेदन दिया था। जिसे संयुक्त रूप से पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर, अतुल प्रधान व उनके हस्ताक्षर से राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया था। सभी की सहमति से ही सलोनी को प्रत्याशी बनाया गया। हालांकि सलोनी संयुक्त विपक्ष की ही प्रत्याशी हैं।