LokSabha Election 2019 : खर्च छिपा पाएंगे न खुद छिप सकेंगे चुनावी योद्धा
इस बार चुनाव में प्रचार के दौरान उम्मीदवार न तो अपने कारनामों को छिपा पाएंगे और न ही प्रचार में होने वाले खर्च को इसके लिए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारी है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 11:00 AM (IST)
मेरठ, [अनुज शर्मा]। इस बार लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान चुनावी योद्धा न तो अपने कारनामों को छिपा सकेंगे और न खर्चा। जिला प्रशासन ने उनकी पल पल की गतिविधियों पर निगरानी के लिये विभिन्न टीमें लगा रखी हैं। मेरठ-हापुड़ लोकसभा में मात्र 11 प्रत्याशी हैं लेकिन उनके चुनावी खर्च,आचार संहिता के उल्लंघन,पैसों के लेनदेन तथा रैली और नुक्कड़ सभाओं में बयानों की निगरानी के लिये कुल 63 टीमें लगा रखी हैं। ये टीमें हर पल प्रत्याशियों के इर्द गिर्द हैं। किसी भी प्रत्याशी का उनकी नजर से बच पाना मुश्किल है।
इस बार है फुलप्रूफ व्यवस्था
हर बार चुनाव में प्रत्याशी मनमाना खर्चा करते हैं,जनसभाओं और रैलियों में बिना बंदिश बयान देते हैं और लेनदेन करते हैं फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती थी। लेकिन इस बार ऐसा हो पाना मुश्किल है। जिला प्रशासन ने प्रत्याशियों की गतिविधियों को नियंत्रित रखने तथा उनके प्रत्येक कार्य की निगरानी के लिये फुलप्रूफ व्यवस्था की है। प्रत्याशियों के एक एक रुपये के खर्च की गणना के लिये प्रत्येक प्रेक्षक की अगुवाई में प्रत्येक विधानसभा (कुल सात) के लिये एक सहायक प्रेक्षक (वरिष्ठ आयकर अधिकारी) तथा ट्रेजरी की अकाउंटिंग टीमें तैनात की गई हैं। जिनकी नजर से कोई भी खर्च बच नहीं पा रहा है।
वीडियो कैमरायुक्त कुल 28 फ्लाइंग स्कवायड
प्रत्याशियों द्वारा पैसे के लेनदेन, आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की जांच के लिये मजिस्ट्रेट, पुलिस और वीडियो कैमरायुक्त कुल 28 फ्लाइंग स्कवायड जनपद में तैनात की गई हैं। प्रत्येक विधानसभा में चार-चार टीमें लगीं हैं। जो कि किसी भी सूचना पर मिनटों में मौके पर पहुंच जाती हैं। जनपद में कुल 21 स्टेटिक सर्विलांस टीमें तैनात की गई हैं। पुलिस बल से युक्त ये टीमें बार्डर पर वाहनों की चेकिंग करके शराब और पैसे के अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने में जुटी हैं।
39 स्थानों पर चेकपोस्ट
प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार, रैली, जनसभा, नुक्कड़ सभा और जुलूस आदि गतिविधियों पर निगरानी के लिये प्रत्येक विधानसभा में वीडियो निगरानी टीमें तैनात की गई हैं। एक ही समय में यदि ज्यादा सभाएं निर्धारित होंगी तो वहां अतिरिक्त टीमें भेजने की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई है। जनपद में 39 स्थानों पर चेकपोस्ट बनाकर वहां वाहनों की जांच के लिये अलग से पुलिस टीमें पुलिस प्रेक्षक की निगरानी में तैनात की गई है।
प्रशासन का चक्रव्यूह
खर्च- व्यय प्रेक्षक, सात सहायक व्यय प्रेक्षक, ट्रेजरी की अकाउंटिंग टीमें।
आचार संहिता उल्लंघन - मजिस्ट्रेट, पुलिस और कैमरा युक्त 28 फ्लाइंग स्कवायड।
पैसा और शराब का अवैध परिवहन - सात विधानसभा में कुल 21 स्टेटिक सर्विलांस टीम।
रैली जुलूस - सात विधानसभा में सात वीडियो निगरानी टीम।
इनका कहना है
लोकसभा प्रत्याशी चुनाव खर्च,आचार संहिता,प्रचार,रैली-जनसभा व जुलूस आदि में मनमानी नहीं कर सकेंगे। उनकी प्रत्येक गतिविधि पर निगरानी की जा रही है। कहीं भी नियम टूटेगा तो सीधे प्रत्याशी पर कार्रवाई होगी।
- अनिल ढींगरा,जिला निर्वाचन अधिकारी
इस बार है फुलप्रूफ व्यवस्था
हर बार चुनाव में प्रत्याशी मनमाना खर्चा करते हैं,जनसभाओं और रैलियों में बिना बंदिश बयान देते हैं और लेनदेन करते हैं फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती थी। लेकिन इस बार ऐसा हो पाना मुश्किल है। जिला प्रशासन ने प्रत्याशियों की गतिविधियों को नियंत्रित रखने तथा उनके प्रत्येक कार्य की निगरानी के लिये फुलप्रूफ व्यवस्था की है। प्रत्याशियों के एक एक रुपये के खर्च की गणना के लिये प्रत्येक प्रेक्षक की अगुवाई में प्रत्येक विधानसभा (कुल सात) के लिये एक सहायक प्रेक्षक (वरिष्ठ आयकर अधिकारी) तथा ट्रेजरी की अकाउंटिंग टीमें तैनात की गई हैं। जिनकी नजर से कोई भी खर्च बच नहीं पा रहा है।
वीडियो कैमरायुक्त कुल 28 फ्लाइंग स्कवायड
प्रत्याशियों द्वारा पैसे के लेनदेन, आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की जांच के लिये मजिस्ट्रेट, पुलिस और वीडियो कैमरायुक्त कुल 28 फ्लाइंग स्कवायड जनपद में तैनात की गई हैं। प्रत्येक विधानसभा में चार-चार टीमें लगीं हैं। जो कि किसी भी सूचना पर मिनटों में मौके पर पहुंच जाती हैं। जनपद में कुल 21 स्टेटिक सर्विलांस टीमें तैनात की गई हैं। पुलिस बल से युक्त ये टीमें बार्डर पर वाहनों की चेकिंग करके शराब और पैसे के अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने में जुटी हैं।
39 स्थानों पर चेकपोस्ट
प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार, रैली, जनसभा, नुक्कड़ सभा और जुलूस आदि गतिविधियों पर निगरानी के लिये प्रत्येक विधानसभा में वीडियो निगरानी टीमें तैनात की गई हैं। एक ही समय में यदि ज्यादा सभाएं निर्धारित होंगी तो वहां अतिरिक्त टीमें भेजने की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई है। जनपद में 39 स्थानों पर चेकपोस्ट बनाकर वहां वाहनों की जांच के लिये अलग से पुलिस टीमें पुलिस प्रेक्षक की निगरानी में तैनात की गई है।
प्रशासन का चक्रव्यूह
खर्च- व्यय प्रेक्षक, सात सहायक व्यय प्रेक्षक, ट्रेजरी की अकाउंटिंग टीमें।
आचार संहिता उल्लंघन - मजिस्ट्रेट, पुलिस और कैमरा युक्त 28 फ्लाइंग स्कवायड।
पैसा और शराब का अवैध परिवहन - सात विधानसभा में कुल 21 स्टेटिक सर्विलांस टीम।
रैली जुलूस - सात विधानसभा में सात वीडियो निगरानी टीम।
इनका कहना है
लोकसभा प्रत्याशी चुनाव खर्च,आचार संहिता,प्रचार,रैली-जनसभा व जुलूस आदि में मनमानी नहीं कर सकेंगे। उनकी प्रत्येक गतिविधि पर निगरानी की जा रही है। कहीं भी नियम टूटेगा तो सीधे प्रत्याशी पर कार्रवाई होगी।
- अनिल ढींगरा,जिला निर्वाचन अधिकारी
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