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सूरजकुंड पार्क में मिली गंदगी, गोशाला में अधूरे कार्य

नमामि गंगे योजना के निदेशक वित्त डॉ. गोविंद शुक्ला विकास कार्यो की हकीकत देखने मेरठ आए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 07:00 AM (IST)
सूरजकुंड पार्क में मिली गंदगी, गोशाला में अधूरे कार्य
सूरजकुंड पार्क में मिली गंदगी, गोशाला में अधूरे कार्य

मेरठ। नमामि गंगे योजना के निदेशक वित्त डॉ. गोविंद शुक्ला विकास कार्यो की हकीकत देखने मेरठ पहुंचे। नगर निगम सहित दो नगर पालिकाओं का दौरा किया। इस दौरान गोशाला, सामुदायिक शौचालय, पार्को और पौधरोपण अभियान की जमीनी स्थिति का जायजा लिया। सभी जगह अव्यवस्थाएं मिलीं। नगर निगम समेत नगर पालिका के अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए हैं।

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नगर निगम अंतर्गत उन्होंने बराल परतापुर में निर्माणाधीन गोशाला का निरीक्षण किया। यहां पर बिजली कनेक्शन न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। गोशाला में पशु गणना अंकित करने का बोर्ड नहीं पाया। चिकित्सकों का लॉग बुक नहीं मिला। कर्मचारियों को रहने के लिए शेड का निर्माण पूरा नहीं पाया। जिसे लेकर नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। जल्द से जल्द सभी कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। पशुओं की टैंिगंग के निर्देश दिए। इसके बाद अमृत योजना के निर्माणाधीन पार्क की हकीकत देखने शास्त्रीनगर पहुंचे। गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं मिला। झूले तक नहीं दिखे। जिसे लेकर नगर निगम अधिकारियों से नाराजगी जताई। यहां से सूरजकुंड पार्क पहुंचे। शौचालयों की दुर्दशा पर कड़ी फटकार लगाई। हाई मास्ट लाइट ठीक न मिलने पर सुधारने के निर्देश दिए। कहा कि पार्क के सौंदर्यीकरण को 1.5 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। लेकिन कोई व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। शहर के कई स्थानों पर शौचालयों और यूरिनल का जायजा भी लिया। पानी कनेक्शन न होने की समस्या मिली। जिसे दूर करने के निर्देश दिए। नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि सरकार ने पैसा खर्च किया है। उसका उपयोग भी होना चाहिए। जिमखाना मैदान में पौधरोपण के लिए खोदे गए गड्ढे भी चेक किए। उन्होंने बताया कि नालों की सफाई की रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। स्थिति ठीक नहीं है।

दौराला में सामुदायिक शौचालय बंद मिले

जासं, दौराला : नमामि गंगे योजना के निदेशक वित्त डा. गोविद शुक्ला ने दौराला नगर पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों का निरीक्षण किया। वह नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे। संपत्ति रजिस्टर बनाने और प्रतिवर्ष उसका सत्यापन कराने के निर्देश दिए। लावड़ रोड पर बेसहारा गोवंश के अस्थायी आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद सामुदायिक शौचालयों का निरीक्षण किया। तीन स्थानों पर बने सामुदायिक शौचालय बंद पाए गए। गंदगी और फ्लश टैंक भी टूटे हुए थे। पानी बह रहा था। यहां से अंत्येष्टि स्थल के सौंदर्यकरण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। ठेकेदार की लापरवाही पर नाराजगी जताई। 15 दिन में अंत्येष्टि स्थल का एक हिस्सा तैयार न होने पर ठेका निरस्त करने की चेतावनी दी। पौधारोपण अभियान की तैयारियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि सामुदायिक शौचालय गरीब या मलिन बस्ती में बनाने थे लेकिन बाजार में बना दिए गए हैं। जांच कराई जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह खुले रहने चाहिए। निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत ईओ डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह व नगर पंचायत के कर्मचारी मौजूद रहे। योजना में मिले एक करोड़ नौ लाख में मात्र 23 लाख खर्च

संसू, हस्तिनापुर : निदेशक वित्त डॉ. गोविंद शुक्ला ने नगर पंचायत हस्तिनापुर का निरीक्षण किया। नगर पंचायत के अभिलेखों की जांच की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की तर्ज पर हस्तिनापुर में कूड़ा निस्तारण के लिए एक करोड़ नौ लाख रुपये निकाय को दिए गए थे। लेकिन इस मद से भी निकाय मात्र 23 लाख रुपये ही खर्च कर सका। कार्य शुरू ही नहीं किया है। इसके अलावा निकाय को 14वें वित्त से 60 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। लेकिन कोई पैसा नहीं खर्च किया गया। नेहरू पार्क और शौचालयों की दुर्दशा दो सप्ताह के भीतर नहीं सुधारने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। गंगा किनारे खेती में रासायन के प्रयोग से घड़ियाल पुनर्वास परियोजना पर पड़ रहे असर पर चिंता जाहिर की।


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