आनंद अस्पताल के निदेशक घर में पहली मंजिल से गिरे, हालत गंभीर
आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद शुक्रवार रात दस बजे अपने घर में पहली मंजिल की सीढ़ियों से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 01:08 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। कर्ज और देनदारी को लेकर आए दिन लोगों का हंगामा और धमकियां झेल रहे आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद शुक्रवार रात लगभग दस बजे अपने घर में पहली मंजिल की सीढ़ियों से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी रीढ़ की हड्डी और सिर में चोट आई है।
बेटी के ये हैं आरोप
बेटी मानसी का आरोप है कि अस्पताल के पूर्व कर्मचारी शमीम ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी जिससे वे दहशत में थे। हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में शहर के बड़े डाक्टर उन्हें देखने अस्पताल पहुंच गए। आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद परिवार के साथ शास्त्रीनगर एच ब्लाक में रहते हैं। बताया गया है कि शुक्रवार करीब रात दस बजे हरिओम आनंद घर के फस्र्ट फ्लोर पर सीढ़ियों से जा रहे थे। अंतिम सीढ़ी पर चढ़ने के दौरान चक्कर खाकर नीचे गिर गए। आवाज सुनकर परिवार वाले एकत्रित हुए और तत्काल आनंद अस्पताल लाया गया।
रीढ़ की हड्डी में चोट
डा.एनपी सिंह,डा.सुभाष यादव समेत अन्य चिकित्सकों की निगरानी में सीटी स्कैन,एमआरआई एवं एक्स रे जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर डाक्टरों ने माना कि आनंद की रीढ़ की हड्डी में चोट आई है। सिर के साथ ही कूल्हे में भी चोट लगी है। हादसे की सूचना के बाद शहर के प्रमुख डाक्टर उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंच गए है। उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया। देर रात तक अस्पताल पहुंचकर हाल पूछने वालों का सिलसिला बना रहा।
करोड़ों के कर्ज में दबे हैं हरिओम आनंद
आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद लंबे समय से तनाव में चल रहे हैं। दो साल से अस्पताल की सेहत लगातार लड़खड़ाती गई। कर्ज से बाहर निकलने की तमाम कोशिशों में वो और घाटे में चले गए। इस बीच उन्होंने दो बार अपने अस्पताल को दिल्ली के दो बड़े खरीदारों के हाथों बेचने का भी प्रयास किया था,किंतु बात नहीं बनी।
डाक्टर हों या दवा व्यापारी..बकाया काफी है
नोटबंदी के बाद आनंद अस्पताल की आर्थिक स्थिति और बिगड़ी। स्टाफ की माने तो सैकड़ों करोड़ रुपए ब्याज पर उठाए गए, जिनकी देनदारी बढ़ती गई। छह माह पहले नई दिल्ली के बीएल कपूर एवं लखानी ग्रुप ने अस्पताल को खरीदने का प्रयास किया। बताया जाता है कि हरिओम आनंद ज्यादा दाम मांग रहे थे,इसीलिए सौदा नहीं बन सका। इसी बीच निदेशक मंडल के डा.एनपी सिंह, डा.संजय अग्रवाल और डा.अजय गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि वो अस्पताल में बने रहे।
दर्जनों चिकित्सकों का करोड़ों रुपए बकाया
बताया जा रहा है कि आनंद अस्पताल पर दर्जनों चिकित्सकों का करोड़ों रुपए बकाया है। दवा व्यापारियों ने भी गत दिनों बकाए की मांग करते हुए अस्पताल में हंगामा किया था। बताया जा रहा है कि आनंद ने महंगी ब्याज दर पर बाजार से बेतहाशा धन उठाया,किंतु लौटा नहीं पाए। जमीनों में पैसा लगाया गया,जो नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी कारोबार के धीमा पड़ जाने के कारण फंस गया। अब आए दिन बकाया मांगने वाले लोग अस्पताल में पहुंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल पर दो सौ करोड़ से ज्यादा कर्ज है।
बेटी के ये हैं आरोप
बेटी मानसी का आरोप है कि अस्पताल के पूर्व कर्मचारी शमीम ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी जिससे वे दहशत में थे। हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में शहर के बड़े डाक्टर उन्हें देखने अस्पताल पहुंच गए। आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद परिवार के साथ शास्त्रीनगर एच ब्लाक में रहते हैं। बताया गया है कि शुक्रवार करीब रात दस बजे हरिओम आनंद घर के फस्र्ट फ्लोर पर सीढ़ियों से जा रहे थे। अंतिम सीढ़ी पर चढ़ने के दौरान चक्कर खाकर नीचे गिर गए। आवाज सुनकर परिवार वाले एकत्रित हुए और तत्काल आनंद अस्पताल लाया गया।
रीढ़ की हड्डी में चोट
डा.एनपी सिंह,डा.सुभाष यादव समेत अन्य चिकित्सकों की निगरानी में सीटी स्कैन,एमआरआई एवं एक्स रे जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर डाक्टरों ने माना कि आनंद की रीढ़ की हड्डी में चोट आई है। सिर के साथ ही कूल्हे में भी चोट लगी है। हादसे की सूचना के बाद शहर के प्रमुख डाक्टर उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंच गए है। उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया। देर रात तक अस्पताल पहुंचकर हाल पूछने वालों का सिलसिला बना रहा।
करोड़ों के कर्ज में दबे हैं हरिओम आनंद
आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद लंबे समय से तनाव में चल रहे हैं। दो साल से अस्पताल की सेहत लगातार लड़खड़ाती गई। कर्ज से बाहर निकलने की तमाम कोशिशों में वो और घाटे में चले गए। इस बीच उन्होंने दो बार अपने अस्पताल को दिल्ली के दो बड़े खरीदारों के हाथों बेचने का भी प्रयास किया था,किंतु बात नहीं बनी।
डाक्टर हों या दवा व्यापारी..बकाया काफी है
नोटबंदी के बाद आनंद अस्पताल की आर्थिक स्थिति और बिगड़ी। स्टाफ की माने तो सैकड़ों करोड़ रुपए ब्याज पर उठाए गए, जिनकी देनदारी बढ़ती गई। छह माह पहले नई दिल्ली के बीएल कपूर एवं लखानी ग्रुप ने अस्पताल को खरीदने का प्रयास किया। बताया जाता है कि हरिओम आनंद ज्यादा दाम मांग रहे थे,इसीलिए सौदा नहीं बन सका। इसी बीच निदेशक मंडल के डा.एनपी सिंह, डा.संजय अग्रवाल और डा.अजय गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि वो अस्पताल में बने रहे।
दर्जनों चिकित्सकों का करोड़ों रुपए बकाया
बताया जा रहा है कि आनंद अस्पताल पर दर्जनों चिकित्सकों का करोड़ों रुपए बकाया है। दवा व्यापारियों ने भी गत दिनों बकाए की मांग करते हुए अस्पताल में हंगामा किया था। बताया जा रहा है कि आनंद ने महंगी ब्याज दर पर बाजार से बेतहाशा धन उठाया,किंतु लौटा नहीं पाए। जमीनों में पैसा लगाया गया,जो नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी कारोबार के धीमा पड़ जाने के कारण फंस गया। अब आए दिन बकाया मांगने वाले लोग अस्पताल में पहुंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल पर दो सौ करोड़ से ज्यादा कर्ज है।
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