Diet In Monsoon: मानसून के मौसम में खानपान को लेकर रहें सतर्क,जानें-मेरठ के चिकित्सक की राय
मेरठ के वरिष्ठ वेलनेस कंसल्टेंट डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान पचान तंत्र कम सक्रिय रहता है। वहीं इसके उल्टे बैक्टीरिया और फंगस आदि की संख्या बढऩे लगती है। इसीलिए जरूरी है। इस दौरान नपातुला खाया जाए।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Diet In Monsoon मानसून का मौसम जितना मनभावन होता है, उतना ही इस दौरान खानपान को लेकर सजग रहने की जरूरत है। हालांकि बरसात से गर्मी से तो निजात मिल जाती हैं, लेकिन बीमार बढऩे का खतरा भी रहता है। क्योंकि वर्षाकाल के दौरान उमस आदि से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और वातावरण में नमी की अधिकता से बैक्टीरिया और फंगस को पनपने के लिए मुफीद वातावरण मिल जाता है। इसके चलते खानपान के दौरान स्वच्छता को दरकिनार करने आदत और बढ़ेगा। आहार सेहत को फायदा पहुंचाने के बजाय उसे बिगाड़ सकता है। यह कहना है वरिष्ठ वेलनेस कंसल्टेंट डा. प्रदीप कुमार का।
नपातूला ही खाए
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान पचान तंत्र कम सक्रिय रहता है। वहीं इसके उल्टे बैक्टीरिया और फंगस आदि की संख्या बढऩे लगती है। इसीलिए जरूरी है। इस दौरान नपातुला खाया जाए। सेहत को ठीक रखने के लिए पत्तेदार सब्जियां खाने से बचें, क्योंकि बारिश के दौरान पत्तागोभी, पालक, गोभी, ब्रोकली आदि नमी आदि में रहने से इनमें बैक्टीरिया आदि की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में इन्हें खाने से बचना चाहिए।
यह सलाह भी मानें
इसके अलावा डेयरी उत्पाद जैसे दही आदि के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि दही में बैक्टीरिया आदि होते हैं। इसके अलावा ठंडे पेय के सेवन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। बदलते मौसम के बीच ठंडे पेय सेहत को बिगाड़ सकते हैं। साथ ही बताया कि मशरूम आदि भी फंगस प्रजाति होने की वजह से इन्हें भी आहार में शामिल करने से बचना चाहिए। जितना हो सके पका और ताजा भोजन करना चाहिए। रखा हुआ भोजन भी पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।