108 कमल पुष्पों से हुआ देवी का पूजन
108 कमल पुष्पों से हुआ देवी का पूजन नवरात्र पर आस्था और उत्साह भक्तों में हिलोरे ले रहा है। जयदेवी नगर स्थित दुर्गा मंदिर में सुबह और शाम भक्तों की कतारें लगी रहीं। परंपरा के अनुसार अष्टमी पर देवी के चरणों के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।
मेरठ : नवरात्र पर आस्था और उत्साह भक्तों में हिलोरे ले रहा है। जयदेवी नगर स्थित दुर्गा मंदिर में सुबह और शाम भक्तों की कतारें लगी रहीं। परंपरा के अनुसार अष्टमी पर देवी के चरणों के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।
बुधवार को मंदिरों और घरों में कन्याओं का पूजन हुआ। लालकुर्ती में सांप्रदायिक सद् भाव की मिसाल देखने को मिली। हमेशा की तरह इस बार भी निसार उर्फ नानू ने अपने पड़ोस में रहने वाले ¨हदू परिवार के यहां कन्या पूजन किया और कन्याओं को जिमाया। निसार हेयर कटिंग शाप के संचालक हैं देवी के प्रति उनकी आस्था देखते ही बनती है। सदर बंगाली दुर्गाबाड़ी में अष्टमी के अंतिम 24 मिनट और नवमी के प्रथम 24 मिनट संधि पूजा हुई। 108 कमल, 108 बेलपत्र और 108 दीपकों से देवी का पूजन हुआ। बच्ची कान्या का देवी के स्वरूप में पूजन में किया गया। इसके बाद खिचड़ी और फल का प्रसाद वितरित किया गया। देर शाम स्पंदन डांस ग्रुप द्वारा गौरव साहा के निर्देशन नृत्य नाटिका का मंचन हुआ। विश्वजीत विश्वास, प्रियांक चटर्जी, सुब्रोतो विश्वास, सत्यजीत मुखर्जी, अभय मुखर्जी, रानी चटर्जी, गोविंद विश्वास, अमिताभ मुखर्जी, अभिनव दत्ता, पापिया सान्याल, दीप्ति चौधरी, ¨रकू नियोगी आदि मौजूद रहे। सर्वोजनिन दुर्गोत्सव के पंडाल बुधवार को पौने छह बजे से पूजा आरंभ हुई। भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित की। दोपहर में संधि पूजा हुई। पुजारी असीम चक्रवर्ती ने कहा कि भगवान राम ने रावण से युद्ध के पहले देवी का इसी समय पूजन किया था। शाम को संध्या आरती में पारंपरिक नृत्य हुआ। पंडाल में दूर दूर से आए बंगाली समुदाय के लोगों के साथ अन्य लोगों ने पूजन में भाग लिया। बसंत विहार में ब्रह्माकुमारी प्रजापिता के अनुयायियों ने देवी के नौ चैतन्य स्वरूपों की झांकी सजाई।