विश्व प्रसिद्ध सरधना चर्च में कृपाओं की माता का महोत्सव, उमड़ा आस्था का सैलाब
माता मरियम के महोत्सव में सरधना चर्च में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। हर धर्म के लोग चर्च में लगे माता के मेले में पहुंच रहे है। चर्च की भव्यता देखते ही बन रही है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 04:46 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। ऐतिहासिक चर्च में आयोजित कृपाओं की माता महोत्सव में शनिवार देर रात बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके थे। आसपास के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दक्षिण भारत के राज्यों से भी श्रद्धालुओं का आगमन जारी है।
देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
छोटी बसिलिका का दर्जा प्राप्त सरधना चर्च कृपाओं की माता का पवित्र स्थान है। इसमें स्थापित इटली से लाई गई माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के दर्शन के लिए प्रत्येक वर्ष नवंबर के दूसरे शनिवार व रविवार को आयोजित महोत्सव में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। पिछले कई वर्षों से तो श्रद्धालुओं का आगमन शुक्रवार से ही शुरू हो जाता है। इस बार भी चर्च परिसर और बाहर मेले सरीखा माहौल है।
हर धर्म के लोग आते हैं
आस्था के इस संगम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि विभिन्न धर्मों के लोग इस मेले में पहुंचते हैं। शनिवार को भी बड़ी संख्या में लोगों ने माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के दर्शन किए। महोत्सव में आने वालों की खातिरदारी भी की गई। जम्मू से राहुल मसीह अपनी पत्नी व माता के साथ माता मरियम के दर्शन करने सरधना पहुंचे हैं। बताया कि माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के समक्ष उन्होंने पिछले साल शादी होने और नौकरी लगने की मन्नत मांगी थी, जो कि पूरी हुई। अब वह माता मरियम को धन्यवाद बोलने आया है।
प्रार्थना सभाओं का आयोजन
शनिवार को दिनभर कई प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया। सुबह आठ बजे पवित्र मिस्सा बलिदान फादर रॉय चवल्लुर, 10 बजे फादर टाईटस व शाम चार बजे फादर सहाय राज ने प्रार्थना संपन्न कराई। शाम छह बजे पंजाबी और रात आठ बजे भी प्रार्थना कराई गई। रविवार सुबह आठ बजे पवित्र मिस्सा बलिदान और 10 बजे धर्माध्यक्षीय समारोही पवित्र मिस्सा बलिदान वाराणसी धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष यूजिन जोसेफ कराएंगे। चर्च मेले की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा एसडीएम अमित कुमार भारतीय, सीओ संतोष कुमार, थाना प्रभारी प्रशांत कपिल, इंस्पेक्टर मोहम्मद असलम व एसएसआइ मनोज कुमार शर्मा ने लिया।
दर्शन कर पौधे रोपे
जम्मू से आए राहुल और अन्य श्रद्धालुओं ने बताया कि वे इस बार माता मरियम के दर्शन कर चर्च परिसर में आम का पौधा रोपेंगे। ताकि हर वर्ष आकर वे पौधे को देखते रहें और बाद में उसकी याद बनी रहे।
रातभर रही चहल-पहल
कृपाओं की माता मेले में पूरी रात श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा, जिसके चलते नगर की सड़कों पर चहल-पहल बनी रही। तहसील रोड पर भी पूरी रात श्रद्धालुओं के वाहन दौड़ते रहे। ई-रिक्शा चालकों ने भी सवारियों को देर रात तक चर्च पर पहुंचाया।
ठहरने की जगह ढूंढते रहे
कृपाओं की माता मेले में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है। मगर श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं है। चर्च परिसर, संत चार्ल्स इंटर कालेज, संत जॉन सेमिनरी, क्रिश्चियन अस्पताल में ही श्रद्धालुओं को ठहराया जाता है। इसके अलावा टाउन हाल रोड स्थित स्कूल में भी आरामघर बनाया गया है। जहां श्रद्धालुओं को नीचे ही सोना पड़ा। गेस्ट हाउस, धर्मशाला और मकानों में रुकने के लिए श्रद्धालु जानकारी करते रहे।
देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
छोटी बसिलिका का दर्जा प्राप्त सरधना चर्च कृपाओं की माता का पवित्र स्थान है। इसमें स्थापित इटली से लाई गई माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के दर्शन के लिए प्रत्येक वर्ष नवंबर के दूसरे शनिवार व रविवार को आयोजित महोत्सव में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। पिछले कई वर्षों से तो श्रद्धालुओं का आगमन शुक्रवार से ही शुरू हो जाता है। इस बार भी चर्च परिसर और बाहर मेले सरीखा माहौल है।
हर धर्म के लोग आते हैं
आस्था के इस संगम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि विभिन्न धर्मों के लोग इस मेले में पहुंचते हैं। शनिवार को भी बड़ी संख्या में लोगों ने माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के दर्शन किए। महोत्सव में आने वालों की खातिरदारी भी की गई। जम्मू से राहुल मसीह अपनी पत्नी व माता के साथ माता मरियम के दर्शन करने सरधना पहुंचे हैं। बताया कि माता मरियम की चमत्कारिक तस्वीर के समक्ष उन्होंने पिछले साल शादी होने और नौकरी लगने की मन्नत मांगी थी, जो कि पूरी हुई। अब वह माता मरियम को धन्यवाद बोलने आया है।
प्रार्थना सभाओं का आयोजन
शनिवार को दिनभर कई प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया। सुबह आठ बजे पवित्र मिस्सा बलिदान फादर रॉय चवल्लुर, 10 बजे फादर टाईटस व शाम चार बजे फादर सहाय राज ने प्रार्थना संपन्न कराई। शाम छह बजे पंजाबी और रात आठ बजे भी प्रार्थना कराई गई। रविवार सुबह आठ बजे पवित्र मिस्सा बलिदान और 10 बजे धर्माध्यक्षीय समारोही पवित्र मिस्सा बलिदान वाराणसी धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष यूजिन जोसेफ कराएंगे। चर्च मेले की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा एसडीएम अमित कुमार भारतीय, सीओ संतोष कुमार, थाना प्रभारी प्रशांत कपिल, इंस्पेक्टर मोहम्मद असलम व एसएसआइ मनोज कुमार शर्मा ने लिया।
दर्शन कर पौधे रोपे
जम्मू से आए राहुल और अन्य श्रद्धालुओं ने बताया कि वे इस बार माता मरियम के दर्शन कर चर्च परिसर में आम का पौधा रोपेंगे। ताकि हर वर्ष आकर वे पौधे को देखते रहें और बाद में उसकी याद बनी रहे।
रातभर रही चहल-पहल
कृपाओं की माता मेले में पूरी रात श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा, जिसके चलते नगर की सड़कों पर चहल-पहल बनी रही। तहसील रोड पर भी पूरी रात श्रद्धालुओं के वाहन दौड़ते रहे। ई-रिक्शा चालकों ने भी सवारियों को देर रात तक चर्च पर पहुंचाया।
ठहरने की जगह ढूंढते रहे
कृपाओं की माता मेले में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है। मगर श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं है। चर्च परिसर, संत चार्ल्स इंटर कालेज, संत जॉन सेमिनरी, क्रिश्चियन अस्पताल में ही श्रद्धालुओं को ठहराया जाता है। इसके अलावा टाउन हाल रोड स्थित स्कूल में भी आरामघर बनाया गया है। जहां श्रद्धालुओं को नीचे ही सोना पड़ा। गेस्ट हाउस, धर्मशाला और मकानों में रुकने के लिए श्रद्धालु जानकारी करते रहे।
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