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रायफल में मेरठ के विकास और पिस्टल में दिल्ली के लवी आगे

बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में शुक्रवार को तीन दिवसीय आनंद प्रकाश अग्रवाल मेमोरियल शूटिग प्रतियोगिता की शुरुआत हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 07:55 AM (IST)
रायफल में मेरठ के विकास और पिस्टल में दिल्ली के लवी आगे

मेरठ, जेएनएन। बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में शुक्रवार को तीन दिवसीय आनंद प्रकाश अग्रवाल मेमोरियल शूटिग प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। प्रतियोगिता में पहले ही दिन करीब दो सौ प्रतिभागी पहुंचे। पहले दिन हुए इवेंट्स में आइएसएसएफ वर्ग में रायफल में मेरठ के विकास यादव ने 600 में से 594 प्वाइंट शूट कर बढ़त ली है। वहीं पिस्टल में दिल्ली के लवी ने 600 में 573 स्कोर किया है। एनआर यानी नेशनल रिप्रजेंटेटिव में मेरठ के युवराज चौधरी ने 400 में से 375 प्वाइंट शूट कर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। प्रतियोगिता का शुभारंभ सिटी मजिस्ट्रेट सतेंद्र कुमार सिंह, एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह और एएसपी सूरज राय ने टारगेट पर निशाना साध कर किया। खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि शूटिग क्षेत्र में भारत अपना लोहा मनवा रहा है। जसपाल राणा, अभिनव बिद्रा, जीतू राय, समरेश जंग, एस. कुमार, गगन नारंग, रवि चिन्ना सहित मेरठ के सौरभ चौधरी, शहजर रिजवी, शार्दुल विहान, रवि कुमार आदि ऐसी प्रतिभाएं हैं जो देश का नाम दुनिया में रोशन कर रही हैं। शूटर्स को सशस्त्र सेनाओं के साथ ही निजी क्षेत्र में टाटा ग्रुप, रिलायंस ग्रुप, एयर इंडिया आदि में भी नौकरी मिलती है। अतिथियों का अभिनंदन स्कूल के प्रिसिपल कृष्ण कुमार शर्मा ने किया।

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लगाना पड़ता है 40 व 60 बार निशाना

शूटिग प्रतियोगिता में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आइएसएसएफ में हिस्सा लेते हैं। इसमें शूटर को प्रतियोगिता में 60 बार टारगेट को हिट करना होता है। इसके लिए उन्हें 80 मिनट का समय मिलता है। एक बोर्ड अधिकतम 10 प्वाइंट का होता है। शूटर जिस प्वाइंट को निशाना बनाते हैं उनके उतने ही प्वाइंट जुड़ते हैं। एक टारगेट पर एक ही शाट मारना है जिससे रिजल्ट निकालना भी आसान रहे। इसमें शूटर को 600 प्वाइंट में शूट करना होता है। इसी तरह प्रदेश स्तर से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में जाने योग्य शूटर एनआर में खेलते हैं। इसमें शूटर को 40 बार शाट मारना पड़ता है। इसमें 400 प्वाइंट पर शूट करना होता है। एनआर में शूटर को 40 राउंड शूट करने के लिए एक घंटे यानी 60 मिनट मिलते हैं। शूटिग कोच जोनी चौधरी के अनुसार समय पूरा होते ही जूरी रुकने का संकेत करती है। जितने टारगेट शूटर मारते हैं उनमें से बेस्ट आठ को चुना जाता है जिनमें फाइनल मुकाबला होता है।

छोटे बच्चे बैठकर लगाते हैं निशाना

10 साल से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता भी हो रही है। इसमें छोटे बच्चे कुर्सी पर बैठकर निशाना लगाते हैं जिससे गन उठाने से उनके हाथ में कोई तकलीफ न हो। बहुत छोटी उम्र में अधिक समय तक भारी वस्तु उठाकर रखने से बच्चों की हड्डी भी टेढ़ा होने का खतरा रहता है।


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