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दिल्‍ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रैक और मेट्रो स्टेशन के काम में आएगी तेजी

दिल्‍ली-मेरठ रैपिड रेल और मेट्रो का काम मेरठ में ही रफ्तार पकड़ेगा। 182 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में मेरठ की सीमा में 25 किलोमीटर का हिस्सा आ रहा है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 05:20 PM (IST)
दिल्‍ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रैक और मेट्रो स्टेशन के काम में आएगी तेजी
दिल्‍ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रैक और मेट्रो स्टेशन के काम में आएगी तेजी

मेरठ (जेएनएन)। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का लगभग 25 किलोमीटर का हिस्सा मेरठ से ही गति पकड़ेगा। इसके लिए मेरठ में इंजीनियर तैनात कर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए साकेत में कार्यालय खोला जा चुका है। बस अब प्रोजेक्ट के पीआइबी में फाइनल होने के बाद कैबिनेट की बैठक में प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

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मेरठ का हिस्‍सा

182 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में मेरठ की सीमा में 25 किलोमीटर का हिस्सा आ रहा है। इसके अंतर्गत 12 स्टेशन सहित एक डिपो भी है। इसको देखते हुए मेरठ में फील्ड कार्यालय खोला गया है। इससे पहले सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। मिट्टी की जांच से लेकर अन्य सभी कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है।

रैपिड-कम-मेट्रो का रूट भी अहम

इस रूट पर ही रैपिड-कम-मेट्रो भी चलाए जाने का विचार है। इसके लिए छह मेट्रो स्टेशन भी चिह्न्ति किए जा चुके हैं। रैपिड के साथ मेट्रो चलाने का विचार काफी समय से चल रहा है। माना जा रहा है कि यह प्लान भी लगभग फाइनल है। मेट्रो के स्टेशनों में परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, डोरली, भैंसाली शामिल हैं।

125 किलोमीटर की सीमा में स्टेशन

मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डोरली, मेरठ उत्तर, मोदीपुरम (स्टेशन कम डिपो)।

अब मिसिंग प्‍लाट्स भी एनएचएआइ को मिलने लगे

बारिश के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया और स्ट्रक्चर बनाने के कार्य ने तेजी पकड़ ली है। पिछले चार दिनों से चौथे चरण में डासना से मेरठ तक किए जाने वाले 32 किलोमीटर के निर्माण कार्य के लिए मेरठ की तरफ पेड़ों के कटान का कार्य पूरा किया जा चुका है। शुक्रवार को इस किलोमीटर में आने वाली जमीन अधिग्रहण के मामले भी लगभग सुलझाए जा रहे हैं।

अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू

एनएचएआइ को मिसिंग प्लाट्स मिलने से प्रोजेक्ट तेजी पकड़ने लगा है। ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए गाजियाबाद में 365 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। वहीं 17 हेक्टेयर भूमि पर भी अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा और चार हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को अक्टूबर में शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ में भूमि अधिग्रहण की कोई दिक्कत नहीं है।

रेल मंत्रालय की मुहर का इंतजार

इसके अलावा इस रूट पर बनाए जाने वाले रेलवे ओवरब्रिज के लिए ड्राइंग को रेल मंत्रालय भेज दिया गया है। परतापुर और डासना में रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

स्ट्रक्चर पर तेजी से कार्य शुरू

भूड़बराल में बनाए जाने वाले इंटरकनेक्टर के लिए तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है। सरियों का जाल बना दिया गया है। उसे गोलाई देने का कार्य किया जा रहा है। पानी के टैंकर भी रोजाना साइट पर पहुंचने लगे हैं। इसके अलावा पेड़ काटने के बाद उनकी छंटाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिससे कार्य में व्यवधान न आए। वहीं दिल्ली से मेरठ आने वाली साइड की तरफ एनएचएआइ की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग भी हटा ली गई है। जिससे दोनों ओर के कार्य में तेजी लाई जा सके।


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