Delhi Meerut Rapid Rail: उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए बेहतर विकल्प होगा मेरठ का मोदीपुरम स्टेशन
Delhi Meerut Rapid Rail मेरठ शहर और दिल्ली को कनेक्ट कनने का काम मोदीपुरम स्टेशन करेगा। यहां से यात्री 55 मिनट में दिल्ली पहुंचेंगे। इससे मुजफ्फरनगर सहारनपुर हरिद्वार रुड़की ऋषिकेश और देहरादून की ओर से आने वाले यात्रियों को सुविधा होगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। रैपिड रेल कारिडोर पर मेरठ में बन रहा मोदीपुरम स्टेशन मेरठ शहर और दिल्ली को कनेक्ट करेगा। यह मेरठ का आखिरी स्टेशन होगा। चूंकि यह स्टेशन नेशनल हाईवे-58 (गाजियाबाद-माना पास उत्तराखंड) पर बनाया जा रहा है। इसलिए उत्तराखंड के कई शहरों के यात्रियों के लिए यह स्टेशन विकल्प होगा। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का दावा है कि मोदीपुरम से यात्री 55 मिनट में दिल्ली पहुंच सकेंगे।
मोदीपुरम रैपिड रेल स्टेशन का निर्माण जारी है। इसके तैयार होने से हरिद्वार, रुड़की, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, ऋषिकेश और देहरादून की ओर से आने वाले यात्रियों को बेहतर परिवहन की सुविधा मिलेगी। इन शहरों से लंबी दूरी तय करके आने वाले यात्री मोदीपुरम स्टेशन से रैपिड ट्रेन में सवार होकर दिल्ली पहुंचने में समय की बचत कर सकेंगे। साथ ही मेरठ शहर में जाने के लिए भी यात्रियों को यहां से मेरठ मेट्रो की सुविधा भी मिलेगी। यही नहीं, मेरठ के ऐतिहासिक स्थल हस्तिनापुर जाने वाले पर्यटकों के लिए भी मोदीपुरम स्टेशन खास होगा। मोदीपुरम से हस्तिनापुर महज़ 38 किमी की दूरी पर स्थित है।
शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंच होगी आसान
एनएच-58 पर स्थित मोदीपुरम स्टेशन के नजदीक कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं, जिनमें सेंट्रल पटेटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआइ), इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फ़ार्मिंग सिस्टम रिसर्च (आइआइएफएसआर) और सरदार बल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलाजी समेत अन्य निजी विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। रैपिड रेल स्टेशन तैयार होने से दिल्ली से यहां पर छात्र आसानी से पहुंच सकेंगे। इससे शिक्षा ग्रहण करने के विकल्प भी व्यापक हो जाएंगे।
मोदीपुरम स्टेशन की खासियत
- मोदीपुरम एक एलिवेटेड स्टेशन है, जिसमें ग्राउंड, कानकोर्स और प्लेटफार्म तीन लेवल होंगे।
- यहां यात्रियों को रैपिड ट्रेन और मेट्रो दोनों में सफर करने की सुविधा मिलेगी।
- यह स्टेशन लगभग 215 मीटर लंबा और लगभग 33 मीटर चौड़ा होगा।
- कानकोर्स लेवल भूतल से लगभग नौ मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है।
- स्टेशन के प्लेटफार्म लेवल की ऊंचाई लगभग 17 मीटर होगी।
- स्टेशन का निर्माण 30 पिलर पर होगा। वर्तमान में 13 पिलर बन चुके हैं।
- ग्राउंड लेवल पर स्टेशन में आने और जाने के लिए दो प्रवेश और निकास द्वार होंगे।
- कानकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच किओस्क और टिकट काउंटर होंगे।