Delhi Meerut Rapid Rail: स्पीड पकड़ रहा रैपिड रेल निर्माण का काम, गुलधर स्टेशन में लगा पहला एस्केलेटर
Escalator for Rapid Rail रैपिड का काम गति पकड़ रहा है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर पर एस्केलेटर और लिफ्ट्स लगाने का कार्य आरंभ हो गया। पहला एस्केलेटर प्राथमिक खंड के गुलधर स्टेशन पर लगाया गया है। लिफ्ट का काम भी चल रहा है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। RRTS Corridore मेरठ दिल्ली के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर पर एस्केलेटर और लिफ्ट्स लगाने का कार्य आरंभ हो गया। पहला एस्केलेटर प्राथमिक खंड के गुलधर स्टेशन पर लगाया गया है, जबकि साहिबाबाद में लगाने का काम जारी है। रैपिड रेल कारिडोर के स्टेशन तीन से चार तल के हैं।
कुल 36 एस्केलेटर और 26 लिफ्ट लगेंगी
ऐसे में यात्रियों के लिए, विशेषकर बुज़ुर्गों, दिव्यांगों, बच्चों एवं महिलाओं को एक तल से दूसरे तल पर जाने में आसानी होगी। प्राथमिक खंड के पांच स्टेशनों में साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो में कुल 36 एस्केलेटर और 26 लिफ्ट लगाई जाएगी।
बेंगलुरु में हो रहा लिफ्ट का निर्माण
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कारिडोर के स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाने के लिए एनसीआरटीसी ने शिंडलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है जो 162 एस्केलेटर डिलीवर करेगी। यह कंपनी महाराष्ट्र के पुणे में एस्कलेटर का निर्माण कर रही है। लिफ्ट का अनुबंध ओटिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से हुआ है। जो 111 लिफ्ट्स की डिलीवरी करेगी। लिफ्ट का निर्माण बेंगलुरु स्थित फैक्ट्री में किया जा रहा है।
दो स्टेशनों के बीच भी होगी रैपिड ट्रेन से उतरने की व्यवस्था
मेरठ : दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कारिडोर पर दो स्टेशनों के बीच भी रैपिड ट्रेन से उतरने की व्यवस्था होगी। आपात परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एलिवेटेड और भूमिगत दोनों ही ट्रैक पर निकासी के लिए अलग प्रविधान किया जा रहा है। इस व्यवस्था के माध्यम से यात्रियों को सीधे नजदीकी सड़क तक पहुंचाया जाएगा।
16 आपातकालीन निकास
इस दिशा में एनसीआर परिवहन निगम ने टेंडर अवार्ड कर दिया है और इस पर काम भी शुरू हो गया है। सराय काले खां से मेरठ तक 70 किमी लंबे एलिवेटेड कारिडोर पर हर दो स्टेशनों के बीच 16 ऐसे आपातकालीन निकास तैयार किए जाएंगे। जबकि 12 किमी लंबे भूमिगत ट्रैक पर हर 250 मीटर की दूरी पर यात्रियों को दूसरी सुरंग तक ले जाने के लिए एक क्रास पैसेज बनाया जाएगा।
यह भी जानिए
यह आपातकालीन निकास प्रणाली कारिडोर के वायाडक्ट के ट्रैक स्तर से शुरू होगी एवं सीढ़ियों की मदद से सड़क के स्तर तक जाएगी। इस प्रणाली में रैम्प, सीढ़ियों और फुट ओवर ब्रिज आदि का भी निर्माण किया जाएगा। साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे शुरुआती खंड के लिएचार रैम्प का निर्माण शुरू कर दिया गया है।