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Delhi-Meerut Expressway: 120 किमी की गति से फर्राटा भरेंगे वाहन, लेकिन... चौंका रहे एक्‍सप्रेस वे पर लगे बोर्ड

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ से डासना तक के खंड पर गति सीमा के बोर्ड भी गुरुवार से लगने शुरू हो गए। इसमें खास बात यह देखने को मिली कि जो उसकी अधिकतम गति सीमा है उसका उल्लेख ही नहीं किया गया है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 03:55 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 03:55 PM (IST)
दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा उल्‍लेख नहीं।

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ से डासना तक के खंड पर गति सीमा के बोर्ड भी गुरुवार से लगने शुरू हो गए। इसमें खास बात यह देखने को मिली कि जो उसकी अधिकतम गति सीमा है, उसका उल्लेख ही नहीं किया गया है। मेरठ से डासना तक 32 किमी एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा है 120 किमी। हालांकि बोर्ड कम गति सीमा के लगाए गए हैं। लगाए जा रहे बोर्डो के अनुसार हल्के वाहन जैसे कार आदि की क्षमता 100 रखी गई है। ट्रक जैसे भारी वाहन की क्षमता 80 लिखी गई है। वहीं, इंटरचेंज पर गति सीमा अलग से रखी गई है। इंटरचेंज पर गति सीमा सभी प्रकार के वाहनों के लिए एक समान है। यहां गति सीमा 50 किमी प्रति घंटे रखी गई है। दरअसल, यहां वाहन को मोड़ लेते हुए चढ़ना या उतरना है। इसलिए इसकी सीमा कम रखी गई है। कार्यदायी कंपनी के अधिकारियों के अनुसार अधिकतम गति सीमा 120 है, लेकिन बोर्ड नहीं लगाए जाएंगे।

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डासना से यूपी गेट तक के लिए मिल रहीं सात लेन

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के डासना से यूपी गेट के अधिकांश हिस्से वाहनों के आने-जाने के लिए भले ही बंद कर दिए गए हैं, फिर भी अभी भी सात लेन बाकी हैं, जिस पर आवागमन जारी है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। डासना से यूपी गेट तक कुल 14 लेन की सड़क बनाई जा रही है। कुछ समय पहले तक कहीं हाईवे के लेन खुले थे तो एक्सप्रेस-वे के लेन बंद किए थे तो कहीं एक्सप्रेस-वे के लेन खुले थे तो हाईवे के लेन बंद थे, पर अब एक्सप्रेस-वे के काम को अंतिम रूप यानी माíकंग, पेंटिंग, स्ट्रीट लाइट बोर्ड का कार्य हो रहा है।

एक्सप्रेस-वे को खरीदी एक लाख मीटर जमीन

प्रदेश सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट और विभिन्न गांवों में भूमि के रेट निर्धारित होने के बाद अब किसानों से सीधे जमीन खरीदने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। लगभग एक सप्ताह में ही मेरठ जनपद के चार गांवों में एक लाख मीटर से ज्यादा जमीन की खरीद कर ली गई है। यह जमीन खरीद कुल 51 खातेदार किसानों से 14 बैनामों के माध्यम से की गई है। इस जमीन के बदले किसानों को सीधे उनके खातों में भुगतान किया जाना है। इसके लिए 23.78 करोड़ रुपये के भुगतान की प्रक्रिया भी जारी है।

अभी चार गांवों में हो रही जमीन खरीद : मेरठ से सीधे प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी है। यह एक्सप्रेस-वे 12 जनपदों से गुजरेगा। मेरठ जनपद में यह 9 गांवों से होकर जाएगा। इन गांवों की जमीन के अधिग्रहण के लिए भूमि की दरें भी निर्धारित की जा चुकी हैं। यूपीडा द्वारा इन दरों को स्वीकृत करके जल्द से जल्द जमीन खरीदने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा जमीन खरीद का काम शुरू कर दिया गया है। अभी चार गांवों धनौटा, भगवानपुर, अतराड़ा और साफियाबाद लोटी में किसानों से सीधे जमीन खरीद की जा रही है।

एक लाख मीटर का आंकड़ा पार : गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जिला प्रशासन ने लगभग एक सप्ताह से जमीन खरीद का काम शुरू कर रखा है। गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी एडीएम प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल ने बताया कि चार गांवों के 51 खातेदार किसानों से कुल 14 बैनामे अभी तक कर लिए गए हैं। इनके माध्यम से एक लाख मीटर से अधिक जमीन अभी तक ली जा चुकी है। बैनामा सीधे यूपीडा के नाम कराया जा रहा है। इसके लिए यूपीडा की ओर से सदर तहसील के तहसीलदार न्यायिक को अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता बनाया गया है। 


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