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Delhi Meerut Expressway: चिपियाना में रात को कुछ देर रोके जाएंगे वाहन, जानिए वजह

मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज तैयार करने के लिए गर्डर रखने की शुरुआत गुरुवार रात 12 बजे से हो गई। यह स्थान डासना से यूपी गेट के बीच है। यहां पर 14 लेन का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। इसी वजह से रफ्तार में बांधा हो रही है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:34 AM (IST)
Delhi Meerut Expressway: चिपियाना में रात को कुछ देर रोके जाएंगे वाहन, जानिए वजह
दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस वे पर कुछ देर के लिए लगेगा ब्रेक।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज तैयार करने के लिए गर्डर रखने की शुरुआत गुरुवार रात 12 बजे से हो गई। यह स्थान डासना से यूपी गेट के बीच है। यहां पर 14 लेन का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। इसी ओवरब्रिज की वजह से वहां पर जाम लगता है और दिल्ली-मेरठ के बीच रफ्तार का सुकून नहीं मिल पा रहा है।

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रेलवे ओवरब्रिज पर गर्डर रखने के लिए आठ से 24 अप्रैल तक पहला ब्लाक लिया गया है। इसके बाद फिर ब्लाक लिया जाएगा। रात 12 बजे से सुबह चार बजे तक ब्लाक रहेगा। रोजाना दो गर्डर रखे जाएंगे। जब गर्डर उठाया जाएगा तब कुछ मिनट के लिए वाहन पुराने वाले पुल पर रोके जाएंगे। वाहन 15 से 30 मिनट तक रोके जा सकते हैं। ऐसा सिर्फ सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। जब चिपियाना का यह आरओबी तैयार हो जाएगा तब एक्सप्रेस-वे को पूरा मान लिया जाएगा। मेरठ से दिल्ली तक जो 45 मिनट में पहुंचने का सपना देखा गया है वह भी पूरा हो सकेगा। उम्मीद है कि सितंबर तक ओवरब्रिज तैयार हो जाएगा। महाप्रबंधक सैयद हैदर ने बताया कि तेजी से कार्य किया जा रहा है। ट्रैफिक बाधित न हो इसके लिए पर्याप्त मार्शल लगाए गए हैं। काफी वाहन उल्टी दिशा में आ जाते हैं उनकी वजह से परेशान होती है।

मेरठ-डासना के बीच गुजर रहे औसतन 34 हजार वाहन

मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ रही है। मेरठ से डासना के बीच रोजाना औसतन 34 हजार वाहन गुजर रहे हैं। यह आंकड़ा काशी टोल प्लाजा पर की गई गिनती का है। इस टोल प्लाजा पर जो भी वाहन गुजरते हैं उनका वाहन नंबर, समय और वाहन का प्रकार आदि दर्ज किया जाता है। अभी वाहनों से टोल नहीं वसूला जा रहा है।एक्सप्रेस-वे वैसे तो एक अप्रैल से खोल दिया गया था, लेकिन टोल प्लाजा शुरू किया गया था तीन अप्रैल से। इस दिन से संख्या कंप्यूटर में दर्ज की जा रही है। काशी टोल प्लाजा से गिनती के बाद इसका औसत निकाला गया है।


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