28 सितंबर को व्यापारियों का भारत बंद
अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 सितंबर को व्यापारी भारत बंद रखेंगे।
मेरठ : अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 सितंबर को व्यापारी भारत बंद रखेंगे। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ प्रांतीय महामंत्री लोकेश कुमार अग्रवाल ने यह जानकारी दी।
शनिवार को होटल औसम मथुरा पैलेस में आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रांतीय महामंत्री लोकेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी, एफडीआइ, मंडी शुल्क, सैंपलिंग, आयकर और ऑनलाइन ट्रेडिंग की जटिलताओं से खुदरा व्यापारी परेशान हैं। विभागों की औपचारिकताएं पूरी करने पर भी कारोबार में बाधाएं हैं। आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। देश का व्यापारी इससे छुटकारा पाना चाहता है। इसी कड़ी में 28 सितंबर को फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के नेतृत्व में भारत बंद कर विरोध जताया जाएगा। इस दिन कारोबार नहीं होगा। दवा कारोबारी भी बंद में शामिल होंगे। 24, 25 और 26 सितंबर को शहर और जिले भर की बाजारों में संपर्क कर भारत बंद में सहयोग मांगा जाएगा। 27 सितंबर को शाम 6 बजे मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 28 सितंबर को दोपहर 12 बजे व्यापार मंडल से जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाल कर पहुंचेंगे। वार्ता के दौरान उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के सभी पदाधिकारी मौजूद रहें।
संपर्क करेंगे तो विचार करेंगे
संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा कि उनसे 28 को भारत बंद करने को लेकर समर्थन करने की बावत किसी ने संपर्क नहीं किया है। अगर कोई संपर्क करेगा तो विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। ये हैं प्रमुख मांगे
-जीएसटी में दरें 5 प्रतिशत और 16 प्रतिशत रखी जाएं।
-जीएसटी में जुर्माने की राशि 10 हजार से अधिक न हो। जेल की सजा समाप्त की जाए।
-पंजीकृत व्यापारियों का 10 लाख का दुर्घटना बीमा हो। पेंशन लागू हो।
-पूरे देश में मंडी शुल्क समाप्त किया जाए।
-खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश को अनुमति न दी जाए।
-ऑन लाइन ट्रेडिंग की व्यवस्था समाप्त की जाए।
-पत्थर व लकड़ी पर लागू वन विभाग का टैक्स समाप्त किया जाए।