कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की मौत ने छोड़े दर्जनों सवाल, वायरल वीडियो में छलका स्वजनों का दर्द Meerut News
कोरोना के मरीजों के इलाज और बीमारी पर नियंत्रण का दावा रविवार को छलावा निकला। मेडिकल कॉलेज में 66 वर्षीय व्यापारी की मौत ने सिस्टम पर कई सवाल छोड़ दिए।
मेरठ, जेएनएन। मेडिकल के कोविड वार्ड में शनिवार को जान गंवाने वाले बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। माइक्रोबायोलोजी विभाग ने रविवार सुबह संक्रमण की पुष्टि की। मेरठ में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच हो गई। उधर, मृतक के परिवार के दो अन्य सदस्य भी संक्रमित पाए गए हैं। मेडिकल कालेज में रविवार को मेरठ के 199 सैंपल की जांच रिपोर्ट जारी की गई। वहीं दूसरी ओर कोरोना के मरीजों के इलाज और बीमारी पर नियंत्रण का दावा रविवार को छलावा निकला। मेडिकल कॉलेज में 66 वर्षीय व्यापारी की मौत ने सिस्टम पर कई सवाल छोड़ दिए।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया कि केसरगंज निवासी 66 वर्षीय मरीज की तबीयत सप्ताहभर से खराब थी। कम्युनिटी सैंपलिंग के तहत 23 अप्रैल को उनकी जांच की गई थी। इसमें वह निगेटिव थे। हालांकि अगले दिन ही उनको मेडिकल में भर्ती कराना पड़ा। 25 अप्रैल को कोविड वार्ड में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया और उनकी मौत हो गई। सैंपल जांच के लिए भेजा गया। रविवार को सैंपल पाजिटिव आ गया।
केसरगंज और दालमंडी का सर्वे
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केसरगंज और दालमंडी गेट-दो के आसपास कई दुकानों का सर्वे किया। माना जा रहा है कि आसपास बड़ी संख्या में लोगों तक संक्रमण पहुंचा है। मोहल्ले को सील करने के साथ ही परिवार के तीन सदस्यों की जांच कराई गई। मरीज के भाई और एक युवक में संक्रमण मिला है। मृतक की पत्नी को एनआइसी इंटर कालेज में क्वारंटीन किया गया है। सोमवार को उनकी जांच होगी। जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि जिले में एक अप्रैल को शास्त्रीनगर सेक्टर-13 के मरीज की पहली मौत हुई थी। उधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को विभिन्न क्षेत्रों से 124 सैंपलों को जांच के लिए मेडिकल कालेज भेजा।
मौत ने छोड़ दिए दर्जनों सवाल
कोरोना के मरीजों के इलाज और बीमारी पर नियंत्रण का दावा रविवार को छलावा निकला। मेडिकल कॉलेज में 66 वर्षीय व्यापारी की मौत ने सिस्टम पर कई सवाल छोड़ दिए। मृतक के परिजनों ने वीडियो वायरल कर दी, जिसके बाद इलाज की बदइंतजामी से पर्दा उठ गया। प्रदेश सरकार ने मेडिकल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है। उधर, परिजनों की मानें तो ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद ही मरीज को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया, और देरी की वजह से जान चली गई। उधर, जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर इलाज में सुधार लाने एवं डाक्टरों की लापरवाही पर रिपोर्ट तलब की है।
पैदल घर आया था मरीज
मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता की तबीयत सप्ताहभर से खराब थी। दो निजी अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया। परिजन उन्हें पीएल शर्मा जिला अस्पताल लेकर गए, जहां तीन दिन की दवा देकर वापस भेज दिया। सीएमओ एवं डीएम को फोन किया गया। मंगलवार रात 11 बजे एंबुलेंस केसरगंज स्थित घर पहुंची। मरीज और साथ में पत्नी को भी मेडिकल ले गए। यहां भर्ती करने के बजाय तीन दिन की दवा देकर फिर घर भेज दिया गया। उन्हें कोई एंबुलेंस नहीं मिली, और तबीयत खराब होने के बावजूद दंपत्ती पैदल चलकर रात एक बजे केसरगंज पहुंची।
सौ लोग पूरी तरह घरों में कैद
केसरगंज में मौत के बाद वृद्ध की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से मोहल्ले के लोगों में दहशत है। मौत के 24 घंटे बाद तक गली का सैनिटाइजेशन न होने से लोग संक्रमण से आशंकित हैं। 66 वर्षीय मृतक के पड़ोसी राहुल शर्मा का कहना है कि संक्रमण की आशंका से मृतक की गली व आसपास के करीब सौ लोग पूरी तरह से घरों में कैद हो गए हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी जब कोई टीम मोहल्ले को सैनिटाइज करने नही पहुंची, तब रविवार सुबह उन्होंने सीएमओ ऑफिस में सूचना दी।
इस पर टीम सिर्फ पीड़ित परिवार के घर के बाहर छिड़काव कर लौट गई। उन्होंने बताया कि मोहल्ले के लोगों की मांग है कि मृतक के घर को अंदर से बाहर तक सैनिटाइज किया जाए तथा पूरी गली को भी सैनिटाइज किया जाए। पड़ोसियों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाए। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर उपेक्षा का भी आरोप लगाया।