यूपी बोर्ड में फिर गड़बड़ाया जन्मतिथि का ‘आधार’, जांच के लिए बनी समितियां Meerut News
यूपी बोर्ड वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में जन्म तिथि में गड़बड़ी मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जन्म तिथियों में गड़बड़ी की जांच के लिए जिले में अब तक छह समितियां बन च
मेरठ, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में जन्म तिथि में गड़बड़ी मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हस्तिनापुर के प्रसंती देवी इंटर कॉलेज में फर्जी कागजातों पर परीक्षा दे रहे 35 छात्रों के पकड़े जाने के बाद केंद्रों पर हुई सख्ती से जांच में सैकड़ों परीक्षार्थियों की जन्म तिथि में असमानता देखने को मिली है। परीक्षा केंद्रों, जिला प्रशासन व जिविनि की जांच में अब तक जन्मतिथि में असमानता की शिकायतों की जांच के लिए जिले में छह समितियां बनाई जा चुकी हैं।
रजिस्ट्रेशन के समय से हुई लापरवाही
स्कूल में दाखिले के बाद पहली बार कक्षा नौवीं में छात्रों का पंजीकरण होता है। उस समय सभी कागजात जांचने के बाद ही परिषद के लिए पंजीकृत करने के साथ ही कागजात भी भेजे जाते हैं। स्कूल स्तर से की गई लापरवाही बोर्ड परीक्षा में आवेदन तक उसी प्रकार आगे बढ़ती रही। अब बोर्ड परीक्षा में बैठने के बाद परीक्षार्थियों के कागजातों की जांच होने पर जन्म तिथि में गड़बड़ी देखने को मिल रही है। इनकी सही जांच न होने पर यह परीक्षार्थी इन्हीं फर्जी कागजातों पर बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण कर आगे बढ़ जाएंगे और बाद में मार्कशीट में संशोधन कराएंगे।
प्रशासन ने भी पकड़ी गड़बड़ी
उप-जिलाधिकारी की टीम ने परीक्षा में किसान इंटर कॉलेज, गुरु नानक इंटर कॉलेज और सनातन धर्म इंटर कॉलेज कंकरखेड़ा का निरीक्षण किया। इन निरीक्षण में डीएन इंटर कॉलेज और डा. आंबेडकर इंटर कॉलेज तेजगढ़ी के परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र और आधार पर अंकित जन्म तिथि अलग मिले। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिविनि ने डीएन इंटर कॉलेज और डा. आंबेडकर इंटर कॉलेज के परीक्षार्थियों के कागजातों की जांच के लिए एक समिति और बनाई है। इस समिति में जीआइसी मेरठ के प्रधानाचार्य फतेहचंद, जीएचएस सोलाना की प्रिंसिपल रेखा रानी और जीएचएस बाडम रोहटा के प्रिंसिपल योगेंद्र सिंह जांच करेंगे।
कक्ष निरीक्षकों और स्कूलों को भेजा गया नोटिस
परीक्षा में ड्यूटी न कर नदारद रहने वाले माध्यमिक के शिक्षकों व स्कूलों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का वेतन रोकने की संस्तुति की गई है। परीक्षा के दौरान ड्यूटी में राजकीय विद्यालयों के 253, सहायता प्राप्त विद्यालयों के 1757, वित्तविहीन स्कूलों के 1711 और परिषदीय विद्यालयों के 739 शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाया गया। इनमें से परीक्षा में ड्यूटी न देने वाले 270 शिक्षकों न उनके विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं परीक्षा से दूर रहने वाले 17 परिषदीय शिक्षकों का वेतन रोका गया है।