मुठभेड़ के डर से सरेंडर कर रहे बदमाश
पश्चिमी उप्र में मुठभेड़ के डर से बदमाशों में दहशत है। हालात ये हैं कि बदमाश खुद ही पुलिस के पास पहुंचकर आत्मसमर्पण करने को मजबूर हैं।
मेरठ,जेएनएन। पश्चिमी उप्र में मुठभेड़ के डर से बदमाशों में दहशत है। हालात ये हैं कि बदमाश खुद ही पुलिस के पास पहुंचकर आत्मसमर्पण करने को मजबूर हैं। बुधवार को हत्यारोपित शादाब जेल जाने के लिए अफसरों के पैरों में गिड़गिड़ाने लगा था। एक माह पहले विवि में फायरिग के आरोपित कादिर ने भी सिविल लाइन थाने में सरेंडर कर दिया था। यानि बदमाशों में पूरी तरह से पुलिस का खौफ दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी मनचलों पर काबू पाने में पुलिस असफल साबित हो रही है।
योगी सरकार से शुरू हुआ था मुठभेड़ का सिलसिला :
मेरठ में 26 सितंबर 2017 को पहला एनकाउंटर सहारनपुर के मंसूर उर्फ मच्छू पलवान का हुआ था। सदर बाजार स्थित गांधी बाग के गेट नंबर दो पर मंसूर को मार गिराया था। उसके बाद कुख्यात मुकीम काला के भाई वसीम काला, कुख्यात हसीन मोटा को मार गिराया था। 29 मई को दुल्हन की हत्या करने वाले 50 हजार के इनामी हिमांशु और धीरज भी पुलिस की गोली के शिकार हो गए थे। शादाब के भाई जुबेर को भी पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने भूरा और शकील को पल्लवपुरम थाना क्षेत्र में मार गिराया। दोनों ने दस लाख की लूट को अंजाम दिया था। पुलिस कस्टडी से फरार कुख्यात रोहित सांडू के साथी हरियाणा के हिसार निवासी रविंद्र उर्फ कालू और अमित को 16 जुलाई को दौराला में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। उसके बाद कंकरखेड़ा में 12 सितंबर को सिपाही को गोली मारने वाले शहजाद और बंटी को मार गिराया गया, यानि पुलिस अभी तक 16 बदमाशों को जनपद में ढेर कर चुकी है।
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मुकीम काला गैंग का पूरी तरह सफाया :
एसटीएफ सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि मुकीम काला गैंग का भी सफाया हो चुका है। यह गैंग कैराना में हुए पलायन का जिम्मेदार था। गैंग का सरगना मुकीम काला जेल में बंद है, एसटीएफ ने मुठभेड़ में मुकीम के भाई वसीम को मार गिराया था। गैंग का सक्रिय सदस्य साबिर भी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है। मुकीम के पिता और पत्नी भी जेल में हैं। मुकीम के खौफ से कैराना में 12 साल से बंद सिनेमा हाल भी चालू हो गया।
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दिल्ली में सरेंडर कर गए बदमाश :
आइजी आलोक सिंह ने हाल में डीजीपी को पत्र लिखा है, जिसमें बताया कि यूपी के बदमाश दिल्ली में सरेंडर कर रहे हैं। परीक्षितगढ़ क्षेत्र के बनी गांव निवासी कालूराम प्रधान के बेटे की हत्या में वांछित विजय धामा को भी दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था। उसके बाद सुभारती विवि के कुलाधिपति के सचिव संजय हत्याकांड में दो आरोपितों की गिरफ्तारी दिल्ली में की गई। इसके अलावा गाजियाबाद और नोएडा के आरोपित भी दिल्ली में गिरफ्तारी दे चुके हैं।
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भाजपा के कार्यकाल में मेरठ में मुठभेड़ का ब्योरा
बदमाशों का सरेंडर -51
मुठभेड़ - 225
घायल बदमाश -215
गिरफ्तार बदमाश - 335
मारे गए बदमाश - 16
पुलिसकर्मी घायल - 40