गुरुग्राम का भीम सेना संस्थापक घोल रहा जातिवाद का जहर
-सोशल मीडिया के जरिए खड़ी कर रहा अपनी 'सेना'
मेरठ । सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर लोगों को जातीय ¨हसा के लिए भड़काने के आरोप में पकड़े गए छह आरोपित सिर्फ मोहरे भर हैं। असली मास्टरमाइंड हरियाणा के गुरुग्राम का सतपाल तंवर है। वह सोशल मीडिया पर युवाओं को दूसरी जातियों के प्रति भड़काता है। क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि आरोपित सहारनपुर में हुई भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की मौत से बेहद आहत था। इसके बाद उसने मेरठ व अन्य जिलों के कुछ युवाओं को ¨हसा भड़काने के लिए चुना।
गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच के एसपी शिवराम यादव और एएसपी सतपाल ने सीओ सदर देहात जितेंद्र की मदद से हस्तिनापुर थानाक्षेत्र के गांव मीवा निवासी राहुल, निडावली निवासी सतवीर, अलीपुर मोरना निवासी रविंद्र, मोदीनगर गाजियाबाद निवासी नितिन, बंटी और ब्रह्मापुरी निवासी दीपक को दबोचा था। उक्त सभी लोग मेरठ, सहारनपुर और पश्चिम के अन्य जिलों में ¨हसा भड़काने के लिए ठाकुर और गुर्जर बिरादरी के बड़े व्यक्ति की हत्या करने की फिराक में थे। क्राइम ब्रांच की 24 घंटे तक हुई जांच में सामने आया है कि गुरुग्राम निवासी सतपाल तंवर इन युवकों के पीछे काम कर रहा था। पुलिस ने सतपाल तंवर की जब फेसबुक आइडी चेक की गई उस पर कई लाइव वीडियो मिले, जिनके जरिए वह जातिवाद का जहर घोल रहा है। युवाओं को एकत्रित होने की बात बोल रहा है। अब पुलिस ने उसे भी नामजद करने की तैयारी कर ली है। बता दें कि सतपाल तंवर ने भीम आर्मी की तरह ही भीम सेना के नाम से संगठन बनाया हुआ है। इसमें वह युवाओं को जोड़ता जा रहा है। वहीं पुलिस ने 3600 नंबरों की आइडी निकलवाने के लिए विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को डाटा भेजा है, ताकि पुलिस आरोपितों तक पहुंच सके। मेडिकल थाने में दर्ज है रंगदारी का मुकदमा
एल-ब्लॉक शास्त्रीनगर निवासी डा. रोहित प्रधान पुत्र डा. एसपी सिंह ने कुछ दिन पहले ही मेरठ के मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि भीम सेना के संस्थापक सतपाल तंवर ने उनसे पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी है। आरोपित को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोप लगाया था कि फेसबुक पर आरोपित ने उनके अस्पताल को श्मशान तक बता दिया था। इनका कहना है--
भीम सेना के संस्थापक सतपाल तंवर का नाम सामने आ रहा है। वह एक बिरादरी के युवाओं में जातिवाद का जहर घोल रहा है। मुकदमा दर्ज कर उसकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
-शिवराम यादव, एसपी क्राइम इनसेट
ग्रुप सदस्यों की कुंडली खंगाल रही खाकी
मेरठ : पश्चिमी उप्र में ¨हसा की साजिश नाकाम करने के बाद पुलिस ने उन 3600 लोगों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है, जो इन 24 ग्रुपों से जुड़े थे। पुलिस ने संबंधित टेलीकॉम कंपनियों को यह सभी नंबर भेजे हैं ताकि उनकी आइडी पुलिस को मिल जाए, जिसके आधार पर दबिश की कार्रवाई अमल में लाई जाए। एसपी क्राइम शिवराम यादव का कहना है कि ग्रुप से जुड़े सभी नंबरों की आइडी निकलवाई जा रही है। ताकि इस्तेमाल करने वाले का नाम व पूरा पता हमारे पास आ सके। इसके बाद उससे पूछताछ होगी। ग्रुप से कई पुलिसकर्मी भी जुड़े
जांच में सामने आया कि इन ग्रुपों से मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले के कई पुलिसकर्मी भी जुड़े हुए हैं। हालांकि इन पुलिसकर्मियों के द्वारा ग्रुप में कोई गलत मैसेज नहीं किया गया है। सवाल यह है कि जब ग्रुप पर भड़काऊ पोस्ट चलती थी तो इन्होंने ग्रुप को लेफ्ट क्यों नहीं किया?