सेना में जासूस: कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की उल्टी गिनती शुरू, कंचन पहुंचा मेरठ
जासूसी के आरोपित कंचन सिंह के खिलाफ अब किसी भी वक्त कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू हो सकती है। उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 03:57 PM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 03:57 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोपित सिग्नलमैन कंचन सिंह के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सेना की ओर से कंचन को चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय से वापस मेरठ लाया गया है। कमान मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की प्राथमिक पूछताछ के बाद उसे वापस भेज दिया गया है। अब कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू करने की तिथि तय होने के बाद वापस कंचन को पश्चिमी कमान ले जाया जाएगा। इंक्वायरी कमान मुख्यालय में ही होगी।
इंक्वायरी ही होती है रिकॉर्ड
सेना के प्रोसीजर में अब तक हुई जांच व पूछताछ ऑफ द रिकॉर्ड होती है। नियमों के अनुसार कंचन के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ही सही मायने में जांच होगी जिसका हर ब्यौरा रिकॉर्ड किया जाएगा। इंक्वायरी के लिए गठित जांच समिति की हर गतिविधि के साथ ही आरोपित से होने वाली हर पूछताछ व कागजातों को रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। रिकॉर्ड सहेजने में वक्त लगता है इसीलिए इंक्वायरी शुरू करने से पूर्व सेना पूरी तैयारी कर लेती है।
गलती एक की, बदनामी सैकड़ों की
जासूसी के आरोप में पकड़े गए कंचन सिंह का जिला बदनामी ङोल रहा है। जिस जिले के हर दूसरे घर से एक सैनिक फौज में देश सेवा कर रहा है वहां से किसी युवक का ऐसे मामले में पकड़े जाना उनके गौरव को ठेस पहुंचा रहा है। कल तक जो सैनिक अपने जिले का नाम बताते हुए गर्व महसूस करते थे वे आज अपने नाम के साथ जिले का नाम बताने में हिचक रहे हैं। फौज में शामिल होकर जिले का मान बढ़ाने वाले युवाओं को इस घटना से ठेस पहुंची है।
अब तक नहीं हुआ यकीन
जिला मुख्यालय से सटे गांव में रहने वाले कंचन के परिजन तो अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उनके बच्चे ने ऐसा कुछ किया है। साथ ही कंचन के हम उम्र युवा व फौज में शामिल सैनिकों के लिए इस बात का यकीन कर पाना मुश्किल है। पूरी सच्चाई से अंजान परिजन व कंचन के दोस्त कंचन से मिलने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। परिवार भी सेना की ओर से विस्तृत जानकारी मिलने के इंतजार में है जिससे वे सच्चाई से रूबरू हो सकें।
पूरे बैच पर तनी हैं निगाहें
कंचन के साथ जिले के और भी युवक नियुक्त हुए थे। उस साल या उसके आगे-पीछे के साल में सेना से जुड़े युवाओं में कंचन के कई दोस्त भी हैं। ऐसे में सेना की खुफिया एजेंसियों के साथ ही जिले की स्थानीय पुलिस व खुफिया एजेंसी की निगाहें उसके सभी सैनिक व असैनिक दोस्तों पर टिकी हुई हैं। एक ओर परिजन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है तो दूरी ओर कंचन के दोस्त भी दूरी बना रहे हैं।
इंक्वायरी ही होती है रिकॉर्ड
सेना के प्रोसीजर में अब तक हुई जांच व पूछताछ ऑफ द रिकॉर्ड होती है। नियमों के अनुसार कंचन के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ही सही मायने में जांच होगी जिसका हर ब्यौरा रिकॉर्ड किया जाएगा। इंक्वायरी के लिए गठित जांच समिति की हर गतिविधि के साथ ही आरोपित से होने वाली हर पूछताछ व कागजातों को रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। रिकॉर्ड सहेजने में वक्त लगता है इसीलिए इंक्वायरी शुरू करने से पूर्व सेना पूरी तैयारी कर लेती है।
गलती एक की, बदनामी सैकड़ों की
जासूसी के आरोप में पकड़े गए कंचन सिंह का जिला बदनामी ङोल रहा है। जिस जिले के हर दूसरे घर से एक सैनिक फौज में देश सेवा कर रहा है वहां से किसी युवक का ऐसे मामले में पकड़े जाना उनके गौरव को ठेस पहुंचा रहा है। कल तक जो सैनिक अपने जिले का नाम बताते हुए गर्व महसूस करते थे वे आज अपने नाम के साथ जिले का नाम बताने में हिचक रहे हैं। फौज में शामिल होकर जिले का मान बढ़ाने वाले युवाओं को इस घटना से ठेस पहुंची है।
अब तक नहीं हुआ यकीन
जिला मुख्यालय से सटे गांव में रहने वाले कंचन के परिजन तो अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उनके बच्चे ने ऐसा कुछ किया है। साथ ही कंचन के हम उम्र युवा व फौज में शामिल सैनिकों के लिए इस बात का यकीन कर पाना मुश्किल है। पूरी सच्चाई से अंजान परिजन व कंचन के दोस्त कंचन से मिलने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। परिवार भी सेना की ओर से विस्तृत जानकारी मिलने के इंतजार में है जिससे वे सच्चाई से रूबरू हो सकें।
पूरे बैच पर तनी हैं निगाहें
कंचन के साथ जिले के और भी युवक नियुक्त हुए थे। उस साल या उसके आगे-पीछे के साल में सेना से जुड़े युवाओं में कंचन के कई दोस्त भी हैं। ऐसे में सेना की खुफिया एजेंसियों के साथ ही जिले की स्थानीय पुलिस व खुफिया एजेंसी की निगाहें उसके सभी सैनिक व असैनिक दोस्तों पर टिकी हुई हैं। एक ओर परिजन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है तो दूरी ओर कंचन के दोस्त भी दूरी बना रहे हैं।
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